रायपुर। प्रदेश में किसानों से उपार्जित धान को खराब होने से बचाने के लिए धान उपार्जन केंद्रों में निर्माणाधीन 4647 चबूतरों में से 3442 चबूतरों का निर्माण पूर्ण हो गया है। वहीं 1193 चबूतरों का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए स्वीकृत सभी चबूतरों का काम जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि वर्तमान खरीफ मौसम के धान की खरीदी के समय इन पक्के चबूतरों का उपयोग किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना), जिला खनिज न्यास निधि और चौदहवें वित्त आयोग के अभिसरण से पक्के चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। बालोद जिले में अब तक 297, बलौदाबाजार-भाटापारा में 475, बलरामपुर-रामानुजगंज में 48, बस्तर में 59, बेमेतरा में 187, बीजापुर में 57, बिलासपुर में 90, दंतेवाड़ा में 18, धमतरी में 112, दुर्ग में 33, गरियाबंद में 184, जांजगीर-चांपा में 425, कांकेर में 157, कबीरधाम में 176, कोंडागांव में 78, कोरबा में 108, कोरिया में 31, महासमुंद में 157, मुंगेली में 86, नारायणपुर में सात, रायगढ़ में 232, रायपुर में नौ, राजनांदगांव में 231, सुकमा में 38, सूरजपुर में 109 और सरगुजा में 38 चबूतरों का निर्माण पूरा हो गया है।