Jago Grahak Jago: रायपुर. उपभोक्ता आयोग ने बहानेबाज बीमा कंपनी को दावा निराकरण कर राहत पहुंचाने हेतु बाध्य किया गया है. कांकेर उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुजाता जसवाल तथा सदस्य डाकेश्वर सोनी की बेंच ने महत्वपूर्ण फ़ैसला दिया है कि ग्राम चारगांव तहसील अंतागढ़ निवासी जय लाल देहारी ने अपने ट्रक का बीमा 35 लाख 55 रुपए का 1 वर्ष की अवधि हेतु यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company Limited) टाटीबंध रायपुर से करवाया था. जिसकी किस्त 66,268 रुपए अदा की जा चुकी थी. तीन माह उपरांत ट्रक आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी (East Godavari, District in Andhra Pradesh) जिले में मारेडू मिल्ली घाट में अचानक लगी आग से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिसकी रिपोर्ट मारेडू मिल्ली थाना में किए जाने के पश्चात बीमा कंपनी को भी बाकायदा कर दी गई थी. (Kanker News)
समय पर दावा किए जाने के बावजूद यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company Limited) ने जयलाल देहारी को कोई राहत नहीं दी और उसके मामले का निराकरण नहीं किया. जिससे व्यथित होकर जयलाल ने जिला उपभोक्ता फोरम कांकेर में गुहार लगाई. मालूम हुआ कि बीमा कंपनी द्वारा कई तरह के बहाने किये जा रहे थे. जिसमें से एक यह भी था कि ट्रक की मरम्मत के बिल पेश करने कहा जा रहा था. अब जो ट्रक पूर्णतया जल चुका हो, उसमें मरम्मत की कोई गुंजाइश कहां थी? जयलाल बिल कहां से देता? बीमा कंपनी ने इसी बहाने से दावे का निराकरण नहीं किया. (Kanker News)
अन्य आवश्यक कागजात उसने दावे में अवश्य पेश किया. सर्वोच्च न्यायालय की नजीर गुरमेल सिंह बनाम नेशनल इंश्योरेंस कंपनी प्रस्तुत की गई. जिनके आधार पर सदस्य डाकेश्वर सोनी ने आदेश पारित किया कि बीमा कंपनी को 3505500 दावा राशि जयलाल को 1 माह के अंदर प्रदान करनी होगी. जिस पर दावा प्रस्तुति से आज तक का 7% ब्याज भी देय होगा. इसमें असफल रहने पर एक माह के पश्चात ब्याज की दर 9% कर दी जाएगी. साथ ही उपभोक्ता की मानसिक परेशानी के हर्जाने के रूप में 5000 अलग से प्रदान करने होंगे. मुक़दमे का हर्जाना खर्च 3000 भी बीमा कंपनी को अपने उपभोक्ता को देना होगा. इस फैसले से जयलाल देहारी को न्याय मिला है.