रायपुर. जिला उपभोक्ता फोरम ने डीआरएम रायपुर पर 6 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. रेलवे ने यात्री को आरक्षित कोच के टॉयलेट में पानी की सुविधा नहीं दी. इससे यात्री को भारी असुविधा हुई. उसने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. इसके बाद उसने मामले की शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में की. अब फोरम के फैसले के बाद पीड़ित को राहत मिली है.
गौरतलब है कि सुभाष नगर दुर्ग निवासी जसवंत सिंह ने सुरेमनपुर से दुर्ग वापसी के लिए अपना एवं अपनी पत्नी का रिजर्वेशन ए.सी. 2 श्रेणी में कराया, कोच में उसे सीट क्रमांक 7 और 8 आवंटित की गई.
यात्रा के दौरान जसवंत सिंह ने ट्रेन में शौच के लिए टॉयलेट गया, लेकिन उसमें पानी नहीं आया, जिसके कारण उसे असुविधा का सामना करना पड़ा, इसकी शिकायत उसने अडियार स्टेशन तथा बलिया स्टेशन में की, जिस पर कोच अटेंडेंट एवं टीटीई ने समस्या हल करने का आश्वासन देते हुए दूसरे कोच का टॉयलेट यूज करने को कहा.
जसवंत सिंह ने इलाहाबाद स्टेशन में भी शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इसके अलावा उन्होंने मोबाइल पर एसएमएस से भी शिकायत की जिसके जवाब में रेलवे द्वारा एक अन्य नंबर दिया गया. ट्रेन के टॉयलेट में पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण 30 घंटे की कष्टप्रद यात्रा करनी पड़ी. उसने रेलवे के अधीनस्थ कर्मचारियों को बार-बार समस्या से अवगत कराया लेकिन समस्या का निराकरण नहीं किया.
रेलवे का जवाब
ट्रेन रवानगी के पूर्व पानी आदि की जांच की जाती है तथा टॉयलेट व बेसिन में पानी सप्लाई की कोई समस्या या शिकायत नहीं थी. जसवंत ने उक्त ट्रेन के कोच में पानी ना होने की शिकायत कर लालचपूर्ण आशय से रेल प्रशासन से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने झूठा परिवाद पेश किया है. परिवादी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने कोई शिकायत नहीं की है.
फोरम का फैसला
मामले की सुनवाई में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने यह पाया जसवंत ने कोच में पानी नहीं होने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि जिस बोगी में यात्रा कर रहा था, उसमें बिलासपुर से पहले पानी उपलब्ध था. फोरम ने यह भी कहा कि किसी अन्य व्यक्ति के शिकायत न करने से रेलवे अपने दायित्व से नहीं बच सकता है. चाहे सामान्य बोगी हो, आरक्षित बोगी हो या वातानुकूलित बोगी हो सभी बोगियों में यात्रा के दौरान वॉशरूम में पानी एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अनावेदक रेलवे की है और यदि वह सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करा पाता है, जिसके कारण यात्रियों को यात्रा के दौरान असुविधा का सामना करना पड़े, तो ऐसी असुविधा के लिए अनावेदक जिम्मेदार है.
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने रेलवे डीआरएम रायपुर को सेवा में निम्नता का जिम्मेदार मानते हुए 6000 रुपये हर्जाना लगाया जिसके तहत मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरूप 5000 रुपये तथा वाद व्यय के लिये 1000 रुपये रेलवे द्वारा परिवादी को भुगतान करना होगा.