कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में जिला उपभोक्ता आयोग ने आई ड्रॉप से मरीज की आंख खराब होने के मामले में अपना फैसला सुनाया है। आयोग ने पीड़ित मरीज द्वारा किये दावे पर निजी अस्पताल को पीड़ित मरीज को पांच लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश दिया है।

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दरअसल ग्वालियर के रहने वाले मानवेंद्र सिंह तोमर ने मार्च 2019 को उपभोक्ता फोरम में एक शिकायत की थी। शिकायत में उसने बताया था कि आंख में समस्या होने पर उसने डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता ,कन्हैयालाल विनोद कुमार मेमोरियल आई हॉस्पिटल में इलाज लेना शुरू किया था। उस समय उसकी उम्र 13 साल थी। इलाज के दौरान मिल्फोडेक्स आई ड्रॉप( स्टेरॉयड) प्रिस्क्राइव की गयी थी।

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डॉक्टर के दिए दवाई को पीड़ित ने 2 महीने 10 दिन तक अपनी आंख में डाली। बावजूद इसके आराम न मिलने पर जब दूसरे नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाया, तो रोगी की आंख में सेकेंडरी ग्लूकोमा, कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंड्यूस्ड ग्लूकोमा हो चुका था। यह स्टीरॉइड दबा दिए जाने से होता है। बीमारी के चलते उसकी आंख की काम करने की क्षमता 70 से 80% खत्म हो गई। ऐसे में उसने अपना इलाज अरविंद आई हॉस्पिटल मदुरई, एम्स हॉस्पिटल दिल्ली के साथ ही ग्वालियर के सुनैना क्लीनिक में कराया। लेकिन कोई फायदा नही हुआ।

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इसके बाद शिकायतकर्ता मानवेन्द्र ने मनोज उपाध्याय एडवोकेट के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग ग्वालियर के सामने शिकायत प्रस्तुत की। इसके जवाब में डॉ. राकेश गुप्ता और कन्हैया लाल हॉस्पिटल ने आयोग में बताया कि रोगी ने 2 साल तक मिल्फोडेक्स आई ड्रॉप अपनी मर्जी से डाला है। इस कारण उसे ग्लूकोमा हुआ है। ऐसे में हॉस्पिटल जिम्मेदार नहीं है। जबकि शिकायतकर्ता के एडवोकेट मनोज उपाध्याय ने उपभोक्ता फोरम के सामने आई ड्रॉप की कंपनी सन फार्मा द्वारा दवा उपयोग करने के निर्देश प्रस्तुत किए। सन फार्मा कंपनी के अनुसार मिलफ्लोडेक्स ऑफ आई ड्राप 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रिसक्राइब नहीं की जानी चाहिए थी लेकिन डॉ राकेश गुप्ता ने दवा 13 साल के रोगी को दी। वो भी लगभग 2 महीने से अधिक समय तक दी गई। लिहाजा उपभोक्ता फोरम ने डॉक्टर राकेश गुप्ता के इससे काम को इलाज में कमी का कृत्य माना और 5लाख रुपए क्षतिपूर्ति शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिया। थ ही तीन हजार रुपए प्रकरण का खर्चा भी देने के आदेश दिया। फोरम ने सख्ती से दिए आदेश का पालन 30 दिन के भीतर न करने पर 7% वार्षिक ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया है।

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