रायपुर। जब भी हम कैंसर शब्द सुनते हैं तब एक पल के लिए ही सही लेकिन इस बीमारी की भयावहता का असर हमारी बातों और विचारों से झलकने लगता है। अब ज़रा सोचिए कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का जीवन कितना भयावह होता होगा। अपनी चाची को कैंसर से जूझते हुए देखकर 24 वर्षीया अनीशा सावडिया ने व्यक्तिगत रूप से इसका अनुभव किया और यही कारण है कि वे यह समझ पाईं कि एक कैंसर मरीज़ को दवाओं के अलावा भी देखभाल और सकारात्मक रवैए की बहुत जरूरत होती है। इस वजह से ही उन्होंने कैंसर मरीज़ों की देखभाल और बाकी सहूलियतों का ध्यान रखते हुए, कार्सिनोमा केयर सेंटर की शुरुआत की।

जब यह केयर सेंटर शुरू किया गया था तब मरीज़ों की सही और सटीक देखभाल के लिए के लिए स्टाफ का चयन भी बहुत ज़रूरी था और फीस के निर्धारण और बिलिंग फॉर्मेट को लेकर भी चुनौतियां थी, लेकिन काम अगर भलाई का है, तो मुश्किलें भगवान आसान कर ही देते हैं। कैंसर मरीज़ों की विशेष देखरेख और उनके जीवन की बेहतरी के लिए कार्सिनोमा केयर सेंटर की शुरुआत सितंबर 2023 में ओडिशा के बरगढ़ से हुई, यह ब्रांच सुप्रसिद्ध विकास मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में संचालित है। जुलाई 2024 में रायपुर में यह सेंटर शुरू किया गया, जो 15 बिस्तरों के साथ टाटीबंध में स्थित है। इस वर्ष फरवरी माह में इसकी राजनांदगांव स्थित ब्रांच का भी शुभारंभ किया गया है, जो दीक्षित हॉस्पिटल में संचालित है।

इस केयर सेंटर में जाने-माने ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. देबा दुलाल बिस्वाल (डायरेक्टर) के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित और अनुभवी मेडिकल टीम और अन्य स्टाफ हैं। यहां अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण उपकरणों के साथ ही कीमोथैरेपी, एंटी कैंसर वैक्सीनेशन, ओक्सिजिनेशन फैसिलिटी और इम्यूनो थैरेपी की भी सुविधा है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ, साफ़-सफाई, मरीज़ों के लिए सुविधाओं और कैंसर से जुड़ी सभी काउंसलिंग एवं कंसल्टेशन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। कार्सिनोमा केयर सेंटर का मार्गदर्शन करने वाले डॉ. देबा दुलाल बिस्वाल ने अपने गुरु और फादर ऑफ़ ऑन्कोलॉजी, पद्मभूषण डॉ. सुरेश हरिराम आडवाणी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया है, जिसका निचोड़ उनकी कैंसर केयर के लिए प्रतिबद्धता में साफ़ झलकता है।

इससे पहले इस तरह के केयर सेंटर का लाभ बड़े शहरों के लोगों को मिल जाता था लेकिन विकास की कई संभावनाओं से भरे छोटे शहरों को भी इसका लाभ मिले, इस दिशा में कार्सिनोमा केयर सेंटर एक बहुत अच्छी पहल है, जो अपनी सुविधाओं और सेवाओं के साथ कैंसर केयर को एक नई दिशा दे रहा है। यहां एनएबीएच लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया गया है, ताकि केयर सेंटर की गुणवत्ता की मान्यता और पुख्ता हो।

कार्सिनोमा केयर सेंटर क्यों है ख़ास?

1) यहां एडमिशन के लिए औपचारिकताओं में समय नष्ट नहीं होता और 30 मिनट के अंदर मरीज का ज़रूरी इलाज शुरू हो जाता है।
2) यहां घर जैसे माहौल में मरीज़ों की देखभाल के लिए शारीरिक और मानसिक, हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
3) यहां आपको देर तक रुकने या रात ठहरने की ज़रुरत नहीं, इस डे केयर सेंटर में आप इलाज का लाभ लेकर तुरंत वापस जा सकते हैं।
4) यहां सभी मेडिकल इंश्योरेंस सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है और आने वाले समय में आयुष्मान कार्ड का लाभ भी यहां मिलेगा।
5) यहां विशेष आवश्यकता अनुरूप आपकी निजता यानि प्राइवेसी का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।

आमतौर पर हेल्थकेयर के क्षेत्र में होने वाले विकास और इलाज व मरीज़ों की देखभाल से जुड़ी नई संभावनाओं के संबंध लोगों में जागरूकता का आभाव होता है और इसी के चलते उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खासकर तब जब बीमारी कैंसर जैसी जटिल हो। इस वजह से कार्सिनोमा केयर सेंटर में कैंसर मरीज़ों की देखभाल के साथ ही, लोगों को नई इलाज पद्धतियों और इलाज के उपकरणों के संबंध में जागरूक भी किया जाता है, इससे कैंसर जैसी बीमारियों पर लगे ‘जानलेवा’ नामक टैग से लड़ने में मदद मिलती है। किसी भी मरीज़ को इलाज और दवाओं के साथ सही देखभाल, ज़रूरी माहौल और सकारात्मक सोच का भी लाभ मिले तो कैंसर जैसी कोई भी बीमारी जानलेवा नहीं होगी और गंभीर स्थिति के बाद भी इलाज संभव होगा। इसी सकारात्मक सोच के साथ कैंसर केयर के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने निरंतर अग्रसर है- कार्सिनोमा केयर सेंटर।