सत्यपाल राजपूत, रायपुर. नियमितिकरण नहीं होने से नाराज प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मचारियों ने शुक्रवार को राजधानी में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. 5 दिवसीय हड़ताल में सरकार के खिलाफ व्यंगात्मक प्रदर्शन के लिए मीडिया जगत में सुखियां बटोरने के साथ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने में संविदा कर्मचारी सफल हुए हैं. प्रदर्शन के आखरी दिन महापुरुषों और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा, लोक नृत्य के साथ हाथों में तिरंगा लेकर अपनी मांगों को पूर्ण करने 26 जनवरी तक सरकार को अल्टीमेटम दिया है.
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेष तिवारी ने बताया कि नियमितिकरण का वादा और हमारी मांगे अब तक पूरी नहीं हुई है. जबकि इन 4 सालों में हम लगातार अपनी मांगों से सरकार को अवगत करते आ रहे हैं. हम सरकार से निवेदन करते हैं कि संवेदनशीलता पूर्वक विचार करते हुए चुनावी जन घोषणा पत्र में किए गए वादे और हमारी नियमितिकरण की मांग को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अपने उद्बोधन भाषण में घोषणा करने का कष्ट करेंगे.
आंदोलन की चेतावनी
महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा और अशोक कुर्रे ने कहा कि सरकार वादा कर भूल गई है, कर्मचारियों की गुहार का कोई असर नहीं हो रहा है. इस कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. 26 जनवरी को घोषणा नहीं होने की स्तिथि में जल्द ही प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारी काम बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जायेंगे. महासचिव श्रीकांत लास्कर ने कहा कि दीगर राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं. 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के बारे में यदि सरकार उचित निर्णय नहीं लेती है तो संविदा कर्मचारी प्रदेश में एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे.
विभिन्न जिलों से पहुंचे संविदा कर्मचारी
महासंघ के प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि नियमितिकरण की मांग को लेकर 28 जिले के 45 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए हैं. सरकार का केवल 1 साल से कम कार्यकाल बचा रह गया है, अगर सरकार अभी भी नहीं जागी तो आने वाली सरकार को नुकसान झेलने के लिए तैयार होना चाहिए. बता दें कि राज्य के 54 विभागों में कुल 45 हजार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. 33 जिलों से हजारों कर्मचारी अपनी मांगों को पूर्ण करने इस अनूठे प्रदर्शन में शामिल हुए.
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