समीर शेख, बड़वानी। मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने 23 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। मंगलवार को बड़वानी में सैकड़ों कर्मचारियों ने सिद्धेश्वर मंदिर से जिला स्वास्थ्य विभाग तक रैली निकाली। कर्मचारियों ने पहले भगवान सिद्धेश्वर फिर सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
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संविदा कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत में जो सुविधाएं दी थीं, वे 2025 में छीनी जा रही हैं। संविदा कर्मी अशोक कनाडे के अनुसार, विभाग में 50% रिक्त पदों पर संविदा कर्मचारियों का संविलियन नहीं किया गया। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में ईएल और मेडिकल सुविधाओं को बहाल करना शामिल है। साथ ही अनुबंध प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने और अप्रेजल जैसी कुरीतियों को खत्म करने की मांग है। जिले के 800 से अधिक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। प्रदेश स्तर पर करीब 32,000 संविदा कर्मचारी इस आंदोलन का हिस्सा हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी।
ये है प्रमुख मांगें
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन पूर्व में सेवाऐं दे चुके सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अविा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अधीन संविदा में मर्ज किया जाए.
- विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहें आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के नियमित रिक्त पदों पर मर्ज किया जाए.
- संविदा नीति 2018 और 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार मंहगाई भत्ता सहित नीति का पूर्ण लाभ दिया जाए.
- विभाग के अधीन 3 वर्ष से लगाता सेवाएं दे चुके आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन नियमों में परिवर्तन किया जाए और वेतन वृद्धि की जाए.
- नियमित, संविदा कर्मचारियों की तरह आउसोर्स की महिला कर्मचारियों को (1) 6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए. (2) 15 दिवस का मेडिकल अवकाश दिया जाए. (3) 15 EL अवकाश दिया जाए. (4) आकस्मिक अवकाश दिया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए.
- निष्कासित कर्मचारियों को वापस लिया जाए.
- भविष्य में बिना जांच के किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से पृथक न किया जाए.
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