रायपुर। कांग्रेस ने 2018 के चुनाव पूर्व जन घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों से नियमितीकरण और किसी भी की छंटनी नहीं की जाने का वादा किया था. उन वादों के अभी तक पूरा नहीं होने से नाराज संविदा कर्मचारी 24 सितंबर को सरकार के वादों की बारात निकाल रहे हैं.

‘वादों की बारात’ में पूरे बाराती गुलाबी रंग के पगड़ी सूट-बूट एवं महिलाएं पीले रंग की साड़ी से सज-धज कर इस वादों की बारात में शामिल होंगी, और सरकार ने जो संविदा कर्मचारियों के साथ वादा किया है नियमितीकरण, छंटनी रोकने का 27 वेतन वृद्धि, हड़ताल के दौरान कृत कार्रवाई शून्य करने की सभी वादों को लेकर बाजे-गाजे के साथ बारात निकल जाएगी.

छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले निकलने वाले इस बारात को भव्य तैयारी की गई है. शनिवार को हजारों संविदा कर्मचारी तूता धरना स्थल में बरात की तैयारी करने पहुंचे. कर्मचारियों ने जिस प्रकार शादी में बारात के पूर्व मंडप छादन, तेल माटी पर्रा रस्मों रिवाज किया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर तैयारी की है.

महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेष तिवारी ने बताया कि सरकार के 5 साल लगभग पूरे हो रहे हैं, किंतु सरकार ने अपना जन घोषणा पत्र में संविदा नियमितिकरण वादा पूरा नहीं किया है. प्रदेश सचिव श्रीकांत लास्कर ने कहा कि विगत माह स्वयं मुख्यमंत्री ने सभी संविदा कर्मचारियों को 27 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का घोषणा किया. लेकिन मुश्किल से 5000 कर्मचारियों को ही उसका लाभ मिल पा रहा है. इन सभी कारणों से नाराज संविदा कर्मचारी सरकार के वादों की बारात निकाल रहे हैं.

आज तूता धरना स्थल पर प्रदेश के साथ-साथ विभिन्न जिलों के जिला संयोजक पदाधिकारी शामिल हुए, जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी, प्रदेश सचिव श्रीकांत लास्कर, तारकेश्वर साहू, अजय क्षत्रिय, श्वेता सोनी, टेकलाल पाटले, चंद्रहास श्रीवास, चंद्रकांत जायसवाल, शेख मुस्तकीम, डॉ अमित मेरी, डॉ रवि दीक्षित, अरूणा टोप्पो, रितेश गंगबेर, दिव्या हैं.