सत्यपाल सिंह,रायपुर। राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा में कॉल मी कंपनी के ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा सफाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. कोरोना काल में जहां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, वहां सफाई कर्मचारी चार दिन से भूखे पेट कोरोना क्वारेंनटाइन सेंटर में पड़े हुए हैं. जिससे वायरस के संक्रमण की चपेट में आने की ज्यादा संभावना है.

सफाई कर्मचारी महासंघ के सफाई कर्मी रूपमाला मेश्राम और निलेश लंगोटे ने कहा कि कंपनी के ठेकादार मनमानी कर रहे है. खाना दे रहा है उसमें कीड़े निकल रहे है. विरोध करने पर प्रतिदिन खाने का 100 रुपए ठेकेदार दे रहा है. अब सोचा जा सकता है कि इतने रुपए में तीन टाइम का खाना, नास्ता, चाय कैसे हो सकता है. कोविड हॉस्पीटल में सफाई का काम करना है भर पेट अच्छा खाना नहीं मिलेगा, तो कैसे कोई काम करेगा. पैसे नहीं लेने पर आज चार दिन से खाना नहीं मिला है.

उन्होंने आगे बताया कि पौष्टिक, अच्छा और पेटभर खाना नहीं मिलने कि शिकायत अधीक्षक विनीत जैन से किया गया. लेकिन हर बार देखते हैं कह कर टाल दिया गया है. आज तो हद हो गई है. ठेकेदार एंबुलेंस लेकर मंगल भवन पहुंच गया की तुम सब को नौकरी से निकाल दिया गया है. तुम्हे दूसरे जगह शिफ्ट किया जाएगा, तो करीब 170 कर्माचारी जाने से मना कर दिए.

सफाई ठेकादार द्वारा उनका पक्ष जानने के लिए दो बार फोन किया गया, लेकिन फोन का कोई रिप्लाई नहीं मिला, तो ठेकेदार राज बोथरा द्वारा नियुक्त मैनेजर नरेंद्र ने कहा कि चार दिन सफाई कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं. खाना में कीड़े मिलने के बाद 100 रुपए दे रहे, अपना बनाओ खाओ लेकिन, वो भी नहीं ले रहे हैं. सफाई का काम नहीं रोक सकते, इसलिए आज कुछ नए सफाई कर्मियों की भर्ती की गई है.