योगेश यादव, बगीचा(जशपुर). गरीबों ने प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए अपना कच्चा मकान तोड़कर नया आशियाना बनाने का सपना देखा. किश्त आते ही गांव के सुरेश नाम के ठेकेदार के माध्यम से मकान का काम शुरू कराया, लेकिन अब वह ठेकेदार ही इन गरीबों के सपनों को अधूरा छोड़ दिया है. जिससे आवास का सपना देख रहे हितग्राही ठेकेदार के पीछे घूम रहे हैं और ठेकेदार है कि काम ही नहीं कर रहा. मामला जशपुर जिले के बगीचा का है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबको पक्का घर देने का सपना बगीचा क्षेत्र में चूर-चूर हो रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना बगीचा क्षेत्र में सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गया है. पहाड़ी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बगीचा में प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए गली गली में ठेकेदार पैदा हो गए है और इन ठेकेदारों के चंगुल फंस कर गरीब अपना घर तक नहीं बना पा रहे है. ऐसा ही एक मामला बगीचा जनपद के पण्ड्रापाठ ग्राम पंचायत में सामने आया है. यहां पिछले तीन साल से पीएम आवास बन रहा है. अब तक सरकार से तीन किश्त का पैसा हितग्राही को मिल चूका है लेकिन घर आज भी अधुरा है. पैसा मिलते ही ठेकेदार सुरेश पैसा अपने खाते में ट्रासफर करा लेता है. वहीं अब हितग्राही अपना पक्का घर बनने का आस छोड़ चुके है.

वहीं इस मामले में बगीचा जनपद सीईओ का कहना है कि हमें आपके माध्यम से जानकारी मिला है. अब तक घर अधूरा क्यों है उसकी जाँच होगी. हालांकि प्रधानमंत्री आवास की मोनिटरिंग का जिम्मा जनपद सीईओ से लेकर ग्राम पंचायत सचिव और आवास मित्र की होती है.