राजिम। गरियाबंद जिले के जय माता महिला स्व सहायता समूह काण्डेकेला, सेक्टर-उरमाल, झरगांव एवं इंदागांव, परियोजना-मैनपुर को रेडी-टू-ईट-फूड उत्पादन एवं वितरण कार्य से हटा दिया है. महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी समूह द्वारा रेडी टू ईट फूड उत्पादन एवं वितरण कार्य में गंभीर अनियमितता बरती गई है. जानकारी के मुताबिक, समूह द्वारा अस्वच्छ वातावरण में रेडी टू ईट फूड निर्माण कार्य करने, रेडी टू ईट फूड निर्माण कार्य करने के लिए विभाग द्वारा जारी समय सारणी का पालन नहीं करने, समूह के महिला सदस्यों द्वारा निर्माण कार्य करते समय सुरक्षा मानको का पालन नहीं किया गया.

इसके साथ ही शासन के निर्धारित मात्रा अनुसार रेडी टू ईट फूड में सामग्री का मिश्रण नहीं करने, यूनिट में रेडी टू ईट फूड के पुराने पैकेट पाये जाने एवं उसमें कीड़ा होना पाये जाने, रेडी टू ईट फूड को तौलने हेतु पूर्व में निर्मित पैकेट को बाट के रूप में उपयोग करने, विभागीय अधिकारियों को भ्रमित करने हेतु 40 बोरी भूने हुये गेहूं के केवल ऊपरी परत में सोयाबीन, चना, रागी एवं फल्ली का मिश्रण करने किन्तु बोरी के अन्दर केवल गेहूं पाये जाने, रेडी टू ईट फूड निर्माण कार्य से संबंधित पंजियों को शासन के निर्देशानुसार अद्यतन संधारित नहीं करने व आवश्यकता अनुसार रेडी टू ईट फूड निर्माण हेतु अन्य सामग्री क्रय नहीं किया गया. समूह गठन की अवधारणा का उल्लंघन करने, समूह के सदस्यों को लाभांश वितरण के स्थान पर 15 दिवस हेतु 2000 रूपये मेहनताना दिये जाने तथा समूह के साथ किये गये अनुबंध की शर्तो व छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, नियम एवं विनियम 2011 का स्पष्ट उल्लंघन करने के कारण समूह साथ किये गये अनुबंध को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही समूह को रेडी टू ईट फूड उत्पादन एवं वितरण कार्य से पृथक किया गया है.