रायपुर। डीजीपी डीएम अवस्थी ने टाटा ट्रस्ट द्वारा जारी रैंकिंग में छत्तीसगढ़ पुलिस के देशभर में दूसरे नंबर पर आने पर सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है. डीजीपी ने ट्वीट कर लिखा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के कठिन परिश्रम से ये गौरवपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुयी है. उन्होंने लिखा है कि पुलिसकर्मियों के साथ-साथ उनके परिजनों का भी इस उपलब्धि में बड़ा योगदान है क्योंकि पुलिस की कठिन ड्यूटी में उनके परिजनों की भी अहम भूमिका होती है. अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ‘विश्वसनीय पुलिसिंग’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कठिन परिश्रम कर रही है. निश्चित ही अगले साल हमारी पुलिस रैंकिंग में नंबर एक पर होगी.
बता दें कि प्रतिष्ठित टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट -2020 में छत्तीसगढ़ पुलिसिंग को देशभर में दूसरी रैंकिंग दी गयी है. रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जो पुलिस बल की विविध आवश्यकताओं को पूरा करता है.
पिछले साल जारी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को दसवां स्थान हासिल हुआ था. इस लिहाज से इस साल छत्तीसगढ़ ने 8 रैंक ऊपर आकर दूसरे नंबर पर जगह बनायी है. टाटा ट्रस्ट की ओर से हर साल इंडिया जस्टिस रिपोर्ट जारी की जाती है. जिसमें पुलिंसिंग, जेल, ज्यूडिशरी, समेत कई मानकों पर हर राज्य को रैंकिंग दी जाती है. टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इस रैंकिंग का बेहद प्रतिष्ठित स्थान है. इस रिपोर्ट को तैयार करने में बुनियादी ढांचा, कानूनी सहायता, मानव संसाधन और 5 साल के रूझानों का आकलन के लिये सरकारी डाटा का उपयोग किया जाता है.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीमित संसाधनों के बावजूद कई बड़े राज्यों जैसे उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, गुजरात, बिहार, पंजाब, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़ा है. दूसरी रैंकिंग हासिल करने में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पिछले दो सालों से चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भूमिका है. स्पंदन, समाधान, खुशियों का शुक्रवार, समर्पण जैसे कार्यक्रमों ने छत्तीसगढ़ पुलिस और आम नागरिकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित किया है.
इन मानकों पर खरा उतरा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई ऐसे मापदंडों पर खरा उतरा है जिनमें लगभग सभी बड़े राज्य पीछे हैं. टाटा ट्रस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस प्रति पुलिसकर्मी पर 1080 रूपये से अधिक खर्चा करती है. वहीं पुलिस ट्रेनिंग में प्रति पुलिसकर्मी 5805 रूपये खर्च होता है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में 63213 की जनसंख्या में और शहरी इलाकों में 95974 की जनसंख्या में पुलिस स्टेशन मौजूद हैं , जो कई बड़े राज्यों से कहीं अच्छी स्थिति में है. रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस के पोर्टल में सभी जनसुविधाओं को मानकों पर खरा पाया गया है. जिसमें शिकायतों को दर्ज कराने से लेकर एफआईआर की कॉपी तक उपलब्ध की जा सकती है. वहीं कई बड़े राज्यों में पुलिस के पोर्टल तक नहीं है. इसके अलावा मॉर्डनाईजेशन, महिला स्टॉफ, बजट, वैकेंसी, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे में अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति आयी है.