कानपुर। महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता के थाना निरीक्षण को लेकर जमकर विवाद पैदा हुआ। हालांकि अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। इस मामले पर पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि पूरा मामला महज़ गलतफहमी का था, जिसे बातचीत के माध्यम से सुलझा लिया गया है।

अनीता गुप्ता ने थाने का किया था निरीक्षण

रघुवीर लाल ने कहा कि महिला आयोग सदस्य अनीता गुप्ता एक शिकायत के समाधान के लिए स्थानीय थाने गई थीं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपनी शिकायत या किसी मुद्दे को लेकर थाने जाने का अधिकार है।

पत्र के कुछ शब्दों को लेकर भ्रम की स्थिति

उन्होंने कहा कि इसी दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) विनोद कुमार द्वारा उन्हें पत्र भेजा गया था, जिसमें उल्लेख था कि थाने का निरीक्षण करना महिला आयोग सदस्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसी पत्र के कुछ शब्दों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी और विवाद खड़ा हो गया।

बातचीत के बाद सभी गलतफहमियां दूर हो गईं

पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने बताया कि उन्होंने खुद महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता और संयुक्त पुलिस आयुक्त विनोद कुमार दोनों से बात की है। बातचीत के बाद सभी गलतफहमियाँ दूर हो गईं। दोनों पक्ष अब इस बात पर सहमत हैं कि मामले में किसी प्रकार की आपत्ति या विवाद नहीं है।

पुलिस और महिला आयोग का एक ही उद्देश्य

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस और महिला आयोग का उद्देश्य एक ही है, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और महिला संबंधी अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना। आपसी तालमेल और सहयोग से ही हम महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा मजबूत कर सकते हैं।

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