मनेंद्र पटेल, दुर्ग। भिलाई के टाउनशिप क्षेत्र के बीएसपी आवासों को लेकर लागू किए गए नए गाइडलाइन को लेकर रिटेंशन स्कीम, मैत्रीबाग स्कूलों के निजीकरण, बीएसपी कर्मचारियों के अन्य मुद्दों को लेकर लाइसेंसी और थर्ड पार्टी अलॉटी, व्यापारी काफी परेशान हैं। इस मुद्दे पर अब राजनीति गरमा गई है। भाजपा सांसद विजय बघेल और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने जहां बीएसपी प्रबंधन से चर्चा कर 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है, वहीं विधायक देवेंद्र यादव ने 20 दिसंबर से गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन करने की तैयारी कर ली है।

टाउनशिप में रिटेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद भी बीएसपी के आवासों में रहने वाले 1500 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मी रह रहे हैं। छठवीं लीज की उम्मीद में वर्षों से कई गुना किराया देकर मकानों में रह रहे सेवानिवृत्त कर्मियों का नाम अब भिलाई नगर की मतदाता सूची से कटने की कगार पर पहुंच चुका है। हालात यह हैं कि बीएलओ ने उन्हें एसआईआर का फॉर्म तक नहीं दिया। इधर रिटेंशनधारियों सहित अन्य बीएसपी कर्मियों ने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। वहीं सांसद, विधायक से लेकर पूर्व मंत्री के पास पहुंचकर सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है।

एक ओर बीएसपी कर्मियों की परेशानी को देख पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय और सांसद विजय बघेल ने बीएसपी के डीआईसी से मुलाकात कर रिटेंशन, व्यापारियों के लीज रिन्यूअल, निजीकरण, कर्मचारियों की सुरक्षा, 20 प्रतिशत श्रमिकों की छंटनी, विद्युत विभाग को राज्य सरकार को सौंपने, लीज धारकों के जर्जर आवासों की मरम्मत जैसे बिंदुओं पर चर्चा की और सख्त लहजे में 10 दिनों के भीतर सार्थक निर्णय लेने को कहा। सांसद विजय बघेल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि अगर प्रबंधन ने सही निर्णय नहीं लिया तो जनआक्रोश बढ़ सकता है।

इधर लगातार टाउनशिप में जगह-जगह बैठक कर लोगों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। वहीं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने भी इन्हीं सभी मुद्दों पर 20 और 21 दिसंबर को दो दिन के उपवास में बैठने की घोषणा की है, जिसके बाद अब शहर की राजनीति और भी गर्म हो गई है।