झारखंड शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए कराए जा रहे डहर (DAHAR – डिजिटल हैबिटेशन मैपिंग एंड रियल-टाइम मॉनिटरिंग) 2.0 सर्वेक्षण के फॉर्मेट में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। विभाग ने आदिवासी समूहों द्वारा जताई गई आपत्तियों के बाद धर्म के कॉलम में ‘अन्य’ (Other) का विकल्प जोड़ दिया है। इससे पहले, डेटा संग्रह प्रक्रिया में आदिवासी धार्मिक पहचान को शामिल न किए जाने पर विभिन्न संगठनों ने भारी विरोध दर्ज कराया था। झारखंड में स्कूल बच्चों के लिए किए जा रहे DAHAR 2.0 सर्वे में धर्म कॉलम को लेकर उठे विवाद के बाद शिक्षा विभाग ने ‘Other’ धर्म श्रेणी जोड़ दी है. यह सर्वे झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जा रहा है जिसका उद्देश्य 3 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन, ड्रॉपआउट और शैक्षणिक जरूरतों का आकलन करना है. आदिवासी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. इस डेटा के आधार पर ही स्कूली शिक्षा के लिए वार्षिक कार्य योजना और बजट तैयार किया जाता है।

DAHAR 2.0 सर्वे के प्रारंभिक प्रारूप में धर्म कॉलम में केवल छह विकल्प थे, जिनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध शामिल थे. इसमें सरना या अन्य पारंपरिक आदिवासी आस्था मानने वाले बच्चों के लिए कोई विकल्प नहीं था. आदिवासी संगठनों और नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे आदिवासी बच्चों को जबरन किसी अन्य धर्म श्रेणी में दर्ज किया जाएगा.

आदिवासी नेता प्रेमशाही मुंडा और पूर्व मंत्री गीता ओड़ांव सहित कई प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘Other’ श्रेणी का अभाव शिक्षा से जुड़े आधिकारिक आंकड़ों में आदिवासी धार्मिक पहचान को अदृश्य बना देता है. कांग्रेस नेता गीता ओड़ांव ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार 2020 के बाद से विभिन्न सरकारी पोर्टलों से ‘Other’ धर्म विकल्प हटाने की दिशा में काम कर रही है.

इस पूरे मामले पर जेईपीसी (JEPC) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शशि रंजन ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि डहर 2.0 सर्वेक्षण का फॉर्मेट केंद्र सरकार से अपनाया गया था और राज्य ने केवल वार्षिक ‘आउट-ऑफ-स्कूल’ बच्चों के सर्वेक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाली मौजूदा प्रश्नावली को डिजिटाइज किया था। शशि रंजन ने कहा, “यह एक वार्षिक अभ्यास है। पहले इसे एक विस्तृत फॉर्म के माध्यम से भौतिक (फिजिकल) रूप से किया जाता था, जिसमें ‘अन्य’ श्रेणी पहले से ही इन-बिल्ट थी। जब हमने इसे ऐप-आधारित बनाया, तो कुछ फील्ड तकनीकी समस्याओं के कारण ठीक से प्रदर्शित नहीं हो रहे थे। अब इन मुद्दों को ठीक कर लिया गया है।”

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