चंद्रकांत/बक्सर: जिले केमुफस्सिल थाना क्षेत्र के पंडितपुर गांव में सर्व साधारण की जमीन पर रातों रात डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के बाद गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. जमीन पर दावेदारी को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हैं. विवाद की सूचना पर बक्सर अंचल अधिकारी प्रशांत सांडिल्य ने दोनों पक्षों को मुफस्सिल थाना बुलाकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया.

अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित 

गांव के एक पक्ष का कहना है कि जिस जमीन पर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई है, वह जमीन हरिजनों के लिए छोड़ी गई थी. प्रतिमा लगाने वालों का दावा है कि यह जमीन तीन दशक पहले सरकार ने उन्हें दी थी, जहां उनकी तीन पीढ़ियों ने जीवन बिताया है. गांव के जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि पहले इस जमीन पर चमड़ा छीलने और पकाने का काम होता था, लेकिन समय के साथ जब यह व्यवसाय बंद हो गया, तो वहां खलिहान लगाया जाने लगा. उन्होंने कहा कि हमारी जमीन पर हमने अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की है, क्योंकि अंबेडकर हमारे आराध्य हैं.

‘जमीन पर कब्जा करने की कोशिश’

वहीं, दूसरे पक्ष का कहना है कि यह जमीन सर्व साधारण के उपयोग के लिए आरक्षित है. गांव के सत्य नारायण पंडित ने बताया कि 1978 में चकबंदी के दौरान यह जमीन सर्व साधारण के लिए निकाली गई थी, जिसका रकबा 95 डिसमिल है. उन्होंने कहा कि जमीन पर गांव के बच्चों के खेलने के लिए मैदान था और भविष्य में यहां स्कूल या अन्य विकास कार्यों के लिए इसका उपयोग होना था. सत्य नारायण पंडित ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष के लोग धीरे-धीरे जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं.

‘गांव में शांति बनी रहे’

प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों को अपने-अपने कागजात के साथ थाना बुलाया. सीओ प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि मामले की जांच की गई है और दोनों पक्षों की बातें सुनी गई हैं. इस मामले की रिपोर्ट बक्सर एसडीएम और डीएसपी को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल प्रशासन ने विवादित जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण या गतिविधि को रोक दिया है. दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है. प्रशासन का कहना है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा, ताकि गांव में शांति बनी रहे.

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