Mamta Kulkarni Mahamandaleshwar. मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अब चकाचौंध की दुनिया को छोड़ सन्यास की ओर चल पड़ी हैं. वे अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई हैं. उन्होंने महाकुंभ में संन्यास ले लिया है. अब भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला पहने उनका नया रुप सामने आया है. वे अब ‘यामाई ममतानंद गिरी’ के नाम से जानी जाएंगी. इधर महामंडलेश्वर के रूप में ममता कुलकर्णी के पट्टाभिषेक के बाद अब विवाद शुरु हो गया है. किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने इस पर सवाल उठाए हैं.

हिमांगी सखी का कहना है कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है. उन्होंने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है.

D कंपनी से कनेक्शन और जेल जाने का रहा है इतिहास- हिमांगी

उन्होंने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा है कि D कंपनी से जुड़े कनेक्शन और ड्रग केस में जेल जाने का इतिहास है. क्या यह सिर्फ प्रचार का हथकंडा है? आचार और संस्कार पर ध्यान देना जरूरी है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं.

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डेढ़ साल से अखाड़े के संपर्क में थीं ममता

बता दें कि शुक्रवार की दोपहर को अभिनेत्री ने दीक्षा ली और शाम को उन्होंने संगम पर अपना पिंडदान कर दिया. वे स्वामी महेशाद्रानंद गिरि के पास रह रही हैं. ममता कुलकर्णी ने डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से बात करते हुए महाकुंभ मेले पर अपनी राय दी और उसकी तारीफ भी की. अभिनेत्री को संतों का आशीर्वाद मिला और फिर उन्हें गंगा स्नान का सौभाग्य मिला. बताया जा रहा है कि ममता कुलकर्णी पिछले करीब डेढ़ साल से अखाड़े के संंपर्क में थीं.