रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बागियों की वापसी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पार्टी के अंदर नेताओं के बीच बागियों की वापसी को लेकर अंतर्कलह की स्थिति दिख रही है. मसलन जोगी परिवार और बृहस्पत सिंह को लेकर जहां बड़े नेताओं में असहमति है, तो वहीं अब आनंद और अजीत कुकरेजा को लेकर पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने मोर्चा खोल दिया है. जुनेजा ने न सिर्फ खुलकर विरोध किया है, बल्कि कई गंभीर आरोपों के साथ प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र भी लिख दिया है. जुनेजा के इस पत्र ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है.

दो बार के विधायक जुनेजा ने कुकरेजा परिवार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया है कि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पैसे के दम पार्टी को खरीदने की कोशिश करते हैं. ऐेसे ही कुछ लोगों में कुकरेजा परिवार है. कुकरेजा परिवार ने न सिर्फ मुझे हर बार चुनाव में नुकसान पहुँचाया, बल्कि पार्टी के साथ भी दगा करता रहा है. 2013 विधानसभा में चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने, पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हराने का काम किया है. 2018 में भी यही कोशिश की गई थी, लेकिन कार्यकर्ताओं की ईमानदारी से मैं जीत गया है. लेकिन 2023 चुनाव में पार्टी से बगावत कर अजीत कुकरेजा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और मुझे (कांग्रेस पार्टी) को हार का सामना करना पड़ा. पार्टी को हर स्तर पर नुकसान पहुँचाने का काम कुकरेजा परिवार ने किया है.

पूर्व विधायक जुनेजा ने आरोप तो लगाया ही साथ ही उन्होंने बैज से यह निवेदन भी किया है कि पार्टी विरोधी परिवार को पार्टी में वापस न लिया जाए. क्योंकि पैसे के दम यह परिवार पार्टी में फिर से प्रवेश करने में जुटा है. उम्मीद है मेरे इस पत्र पर विचार कर कार्यकर्ताओं का उत्साह वर्धन करेंगे.

दीपक बैज का बयान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कुलदीप जुनेजा के पत्र पर कहा कि बागियों की वापसी को लेकर कमेटी बनाई है. किसकी वापसी होगी, किसकी नहीं कमेटी निर्णय लेगी. जहां तक बात पार्टी में पैसे देकर टिकट खरीदने या प्रवेश करने का तो ऐसी कहीं कोई बात नहीं है. मेरे अध्यक्षीय कार्यकाल विधानसभा, लोकसभा और उपचुनाव हो चुके हैं. इस तरह के आरोप सही नहीं है, हो सकता कहीं गलत टिकट बंट गई हो, लेकिन खरीदने वाली बात बेबुनियाद है.

सौरभ सिंह का बयान

वहीं इस मामले में भाजपा ने चुटकी ली है. भाजपा नेता सौरभ सिंह ने कुलदीप जुनेजा को यह कहते हुए बधाई दे दी है, उन्होंने सच तो कहा. कांग्रेस में यही वास्तविक स्थिति है. सबको पता है कि कांग्रेस में टिकट कैसे बंटती है.

वैसे जुनेजा के इस पत्र से यह साफ हो गया है कि बागियों को लेकर में पार्टी के अंदर बवाल अभी और मचेगा. वहीं वापसी को लेकर जो कमेटी बनाई गई उन्हें भी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ेगा. कहा जा सकता है कि इस पत्र ने वरिष्ठ नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है और बागियों की वापसी आसानी से नहीं हो पाएगी. संभव है कि जुनेजा से प्रेरित होकर कुछ और नेताओं का भी गुस्सा फूट पड़े.