रायपुर- पंडित सुंदरलाल शर्मा की जन्मतिथि पर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जयंती के मौके पर अखबारों में छपवाए गए विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जयंती पांच दिन पहले थी. जोगी ने कहा कि 1916 में छत्तीसगढ़ को राज्य बनाने की सबसे पहले मांग करने वाले सुंदरलाल शर्मा का यह घोर अपमान है. उन्होंने कहा कि कंडेल सत्याग्रह में बापू (महात्मा गांधी) ने उन्हें अपना गुरू माना था. जोगी ने मांग की है कि गलत विज्ञापन जारी करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को माफी मांगी जानी चाहिए.

हालांकि इस ट्वीट के सामने आने के बाद पंडित सुंदरलाल शर्मा जयंती समारोह का आयोजन करने वाली समिति ने अजीत जोगी की टिप्पणी पर कहा है कि यह कोई सियासी मुद्दा नहीं है, जिस पर इस तरह की टिप्पणी आनी चाहिए. पंडित सुंदरलाल शर्मा को यह याद किए जाने का मौका है. उनके कार्यों को चिरस्थायी बनाने का अवसर है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए बहुत कुछ ऐसा किया है, जिस पर चर्चा कर संदर्भों को पोषित किए जाने की जरूरत है. वर्ष 1980 से हर साल जयंती समारोह का आयोजन करने वाले सुभाष शर्मा ने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा का जन्म पौष कृष्ण अमावस्या को हुआ था. यह इत्तेफाक ही है कि उनकी पुण्यतिथि पौष कृष्ण अमावस्या ही है. इसलिए हर साल जयंती-पुण्यतिथि का आयोज इस तरह से किया जाता है.

सुभाष शर्मा ने कहा कि राज्य गठन के बाद जब अजीत जोगी पहले मुख्यमंत्री बने थे, उस वक्त 25 दिसंबर को पंडित सुंदरलाल शर्मा की जयंती के मौके पर आयोजन किया गया था. तब कार्यक्रम में वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. ऐसे में उनकी यह टिप्पणी उचित नहीं है. सुभाष शर्मा ने कहा कि 1980 में अर्जुन सिंह भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में रायपुर आ चुके हैं. तब भी पंडित सुंदरलाल शर्मा की जयंती को लेकर विवाद हुआ था कि जन्मतिथि 21 दिसंबर है या 28 दिसंबर. तब से यह विवाद चला आ रहा है. हालांकि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में बनाए गए शोधपीठ ने यह तय किया है कि जन्मतिथि 21 दिसंबर को ही मनाया जाए. उन्होंने कहा कि चूंकि जन्म पौष कृष्ण अमावस्या को हुआ था, ऐसे में तारीखों के विवाद में पड़ना ही नहीं चाहिए.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जोगी के माफी मांगे जाने की मांग पर सुंदरलाल शर्मा जयंती समारोह का आयोजन करने वाली समिति बोली, कन्फ्यूज हैं अजीत जोगी, मुख्यमंत्री रहते खुद शामिल हुए थे