रायपुर। आईपीएस अधिकारी जितेन्द्र शुक्ला के तबादले को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामले में जितेन्द्र शुक्ला ने अपने तबादले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने तबादले को लेकर रविवार 10 मार्च को अपने फेसबुक पेज पर इसे अप्रत्याशित और अवांछित बताया है. उन्होंने लिखा है कि अवांछित और अप्रत्याशित… लेकिन कहने का समय आ गया है.. अलविदा बस्तर और सुकमा को अलविदा.. इन शब्दों के साथ ही उन्होंने अपनी बस्तर पोस्टिंग और चुनौतियों का जिक्र करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई का लंबा जिक्र किया है.

प्रभारी मंत्री को लेटर लिखने पर हुई कार्रवाई

वहीं जितेन्द्र शुक्ला को हटाए जाने को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को मीडिया से कहा था कि एसपी ने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखा था और पत्र लिखने का अधिकार एसपी को नहीं है. इस वजह से उन्हें हटाया गया है. आपको बता दें जितेन्द्र शुक्ला सुकमा एसपी के रुप में पदस्थ थे सरकार ने इनका तबादला पीएचक्यू कर दिया है.

जवाब में किया इंकार

उधर सूत्रों के मुताबिक प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने एसपी सुकमा जितेन्द्र शुक्ला को एक टीआई के तबादले के लिए पत्र लिखा था. उन्होंने वह पत्र अपने एक कार्यकर्ता के हाथ से एसपी के पास भेजा था. जिसके जवाब में एसपी ने उन्हें लिखा था कि वे टीआई का तबादला उनके विशेषाधिकार में है और वे टीआई का तबादला करना नहीं चाहते. लिहाजा प्रभारी मंत्री ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से कर दी.

हालांकि इस मामले में लल्लूराम डॉट कॉम ने आईपीएस जितेन्द्र शुक्ला से बातचीत की तो उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. 

फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि प्रभारी मंत्री टीआई का तबादला क्यों चाहते थे. क्या टीआई तबादला चाहता था या फिर टीआई के खिलाफ कोई शिकायत थी. जिसकी वजह से उन्होंने एसपी को पत्र लिखा था.