विकास कुमार/सहरसा। लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज का प्रांगण शनिवार को भावनाओं, उत्साह और उपलब्धियों से भरा एक ऐसा दिन देख रहा था, जिसे 2019 बैच शायद जिंदगी भर याद रखेगा। सफेद कोट में सजे युवा डॉक्टर जब मंच की तरफ बढ़ते, तो उनके कदमों में आत्मविश्वास और आंखों में वर्षों की मेहनत का चमकता हुआ सपना दिखाई देता था। दूसरी ओर, दर्शक दीर्घा में बैठे माता-पिता के चेहरे गर्व से दमक रहे थे मानो आज उनकी तपस्या को साक्षात रूप मिल गया हो। समारोह की शुरुआत संस्थापक स्वर्गीय डॉ. पी.के. सिंह को याद करते हुए हुई। पूरा हॉल कुछ क्षणों के लिए भावनाओं से थम-सा गया जब छात्रों और शिक्षकों ने खड़े होकर तालियों से उन्हें नमन किया। यह केवल श्रद्धांजलि नहीं बल्कि उस विरासत के प्रति सम्मान था जिसने इस कॉलेज की नींव रखी।
डॉक्टर की पहचान संवेदना से – चेयरमैन
चेयरमैन डॉ. कल्याणी सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर की असली पहचान उसकी संवेदना और सेवा भावना से होती है, सिर्फ डिग्री से नहीं। प्राचार्य डॉ. भवेश कुमार और अधीक्षक डॉ. अजय कुमार यादव ने युवाओं को ऐसे डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी, जो सिर्फ इलाज नहीं बल्कि उम्मीद भी दे सकें। सूर्या अस्पताल के चेयरमैन डॉ. विजय शंकर ने उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हर मरीज में डॉक्टर को सबसे पहले इंसान दिखाई देना चाहिए। डिग्री वितरण शुरू होते ही हॉल तालियों से गूंज उठा। हर छात्र का नाम पुकारना मानो उस परिवार की वर्षों की मेहनत और संघर्ष की कहानी दोहराना था। नाइट ड्यूटी से लेकर कठिन पढ़ाई का हर पल आज सम्मान में बदल चुका था। कार्यक्रम का समापन 2019 बैच को शुभकामनाओं के साथ हुआ। कॉलेज परिसर से निकलते हुए हर युवा डॉक्टर के चेहरे पर एक ही संकल्प साफ झलक रहा था हमारी डिग्री का असली अर्थ अब शुरू होता है… समाज की सेवा ही हमारा धर्म है।
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