सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल है. अस्पताल में पानी तक की सुविधा नहीं है. मरीज़ों और उनके परिजन पानी के लिए पसीने से पानी-पानी हो जाते हैं. दोपहर के बाद बाथरूम बंद कर दिया जाता है. तपती गर्मी में महज़ पंखे का सहारा है. दर्जनों कूलर और AC ख़राब पड़े हैं. जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण मरीज और मरीजों के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राजिम से इलाज कराने पहुंचे योगेश सोनी ने बताया कि यहां बद से बदतर व्यवस्थाएं है. इधर से उधर घुमाते रहते हैं. कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. जब किसी से पूछो तो गाली देते हैं. डांटते हैं, पीने के लिए पानी नहीं है.

गर्मी के दिन में पानी नहीं होने की वजह से बाहर से पानी लाना पड़ता है, पंखे कूलर बंद हैं, गर्मी में हालात ख़राब हो जाती है. दवा लाने के लिए बाहर भेजा जाता है. एक्स-रे और CT स्कैन कराने के लिए कई महीनों तक चक्कर काटना पड़ता है.

वहीं राजेश्वरी साहू ने बताया कि हम ग़रीब लोग हैं. मज़दूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं मेरे पति का इलाज कराने में यहां आई है. यहां डॉक्टर को इलाज कर दिए, लेकिन दवा बाहर से ख़रीदने के लिए पर्ची दिया गया है. ऐसे में हम सरकारी हॉस्पिटल इलाज के लिए क्यों आते जब हमारे पास पैसा होता ?

यहीं समस्या को लेकर डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के अधीक्षक डॉक्टर नेताम ने कहा कि टेंडर निविदा बुलाया गया था, सिर्फ़ एक आवेदन आया, इसलिए उसे खोला नहीं गया है, फिर से टेंडर बुलाया गया है.

जब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी होती है. वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए दिशा निर्देश दे दिया गया है. कोरोना काल की वजह से मरम्मत कार्य प्रभावित रहा है. कोरोना प्रोटोकाल अनुसार एसी कूलर बंद रखना था, बहुत जल्द व्यवस्था कर ली.