रायपुर-सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने आज छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के सभाकक्ष में राज्य में स्थापित चार सहकारी शक्कर कारखानों के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को शक्कर कारखानों का उपयोग अधिक से अधिक किसानों के हित में करने, गन्ना से शक्कर बनाने की क्षमता (रिकव्हरी) बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म के बीज, गन्ना का रकबा बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने अधिकारियों को उत्पादन लागत कम करने के उपाय सुझाने, कारखानों में शक्कर के अलावा सह उत्पाद जैसे मोलासीस, प्रेसमड़, बगास से बिजली उत्पादन और बिक्री की कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए।
डॉ. प्रेमसाय सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा कि अच्छा काम करने वाले उन्नत किसानों को सम्मानित किया जाए। किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि में किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थित न हो, इसकी जानकारी स्पष्ट दी जाए। कारखाना स्थल पर आने वाले गन्ना किसानों के ठहरने, स्वल्पाहार आदि व्यवस्था के लिए भी प्रयास किए जाएं। किसानों को भ्रमण पर भेजने के बाद समय-समय पर उसके खेत में जाकर प्रगति की जानकारी ली जाए। शक्कर कारखानों में अच्छे किस्म का गन्ना आए और खेत में गन्ना कटने के बाद सीधा कारखानों में पहुंचे। अच्छी किस्म का गन्ना लगाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। शक्कर कारखानों में कैलेण्डर बनाकर कार्य किया जाए। कारखाना क्षेत्र के किसानों को मोबाइल से जानकारी दें। किसानों को गन्ना काटने, साफ करने और उसे ठीक से रखने की समझाइश दी जाए।
बैठक में उपस्थित सहकारिता सचिव रीता सांडिल्य ने कहा कि जिन कारखानों क्षेत्रों में क्षमता से ज्यादा गन्ना उत्पादन होता है, वहां गुणवत्ता बढ़ाने का कार्य किया जाए। जहां आवश्यकता हो वहां गोदाम निर्माण का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा में इथेनॉल प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा और लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया में विद्युत उत्पादन हो रहा है।
इस अवसर पर सहकारिता विभाग के अपर पंजीयक निर्मल तिर्की, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक एच.के. नागदेव, सभी शक्कर कारखानों के प्रबंध संचालक सहित सहकारिता विभाग एवं शीर्ष बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।