हैदराबाद। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने मंगलवार को बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड को कॉर्बेवैक्स वैक्सीन के उत्पादन की मंजूरी दे दी है। कंपनी की योजना प्रति माह 7.5 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की है। उम्मीद है कि यह फरवरी 2022 से प्रति माह 10 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक का उत्पादन करेगी। हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा कि वह भारत सरकार से किए गए वादे के अनुसार 30 करोड़ खुराक देने में सक्षम होगी। कंपनी की योजना जल्द ही वैश्विक स्तर पर एक अरब से अधिक अतिरिक्त खुराक देने की है।
कॉर्बेवैक्स, कोविड-19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है, जिसे बायोलॉजिकल ई द्वारा टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट (टेक्सास चिल्ड्रन सीवीडी) और ह्यूस्टन, टेक्सास में बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन (बायलर) के सहयोग से विकसित किया गया है।
वैक्सीन निर्माता ने कहा कि यह टीका कम और मध्यम आय वाले देशों को स्थायी पहुंच प्रदान करते हुए पैमाने और सामथ्र्य दोनों में प्रभावी होगा।
नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल के प्रोफेसर और डीन डॉ. पीटर होटेज ने कहा, “टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के हमारे वैज्ञानिक इस टीके के विकास में मदद करने के लिए रोमांचित हैं। यह संभवत: पहला कोविड वैक्सीन है, जिसे वैश्विक स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया।”
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा, “हम दुनियाभर के परिवारों के लिए वर्षो से गुणवत्ता वाले टीके और दवा उत्पादों को सुलभ बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने एक सस्ती और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने का संकल्प लिया है। यह अब एक वास्तविकता बन गई है।”
कॉर्बेवैक्स ने पूरे भारत में 33 अध्ययन स्थलों पर 18 और 80 वर्ष की आयु के बीच 3,000 से अधिक विषयों को शामिल करते हुए तीसरे चरण के परीक्षण दो बार पूरे कर लिए हैं। यह टीका पूरी तरह सुरक्षित और इम्यूनोजेनिक पाया गया है।
कॉर्बेवैक्स एक ‘रीकॉम्बिनेंट प्रोटीन सब-यूनिट’ वैक्सीन है, जो वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) से विकसित होता है। इसे डायनावैक्स के सीपीजी 1018 एडजुवेंट के साथ जोड़ा जाता है, जिससे यह शरीर को वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाने में मदद करता है।
बायोलॉजिकल ई ने कहा, “प्रतिरक्षाजन्य श्रेष्ठता के समापन बिंदु के साथ किए गए निर्णायक तीसरे चरण के अध्ययन में कॉर्बेवैक्स ने कोविशील्ड वैक्सीन की तुलना में बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई।”
वैक्सीन-निर्माता के अनुसार, कॉर्बेवैक्स एनएबी जीएमटी वुहान स्ट्रेन के खिलाफ मॉडर्ना और एस्ट्रा-जेनेका वैक्सीन चरण 3 के अध्ययनों के दौरान किए गए संरक्षण मूल्यांकन के सहसंबंधों के आधार पर रोगसूचक संक्रमण की रोकथाम के लिए 90 प्रतिशत से अधिक की वैक्सीन प्रभावशीलता का संकेत है।
यह डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ रोगसूचक संक्रमणों की रोकथाम के लिए टीके की प्रभावशीलता 80 प्रतिशत से अधिक होने का संकेत देता है।
कॉर्बेवैक्स या कोविशील्ड लेने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कोई गंभीर प्रतिकूल घटना नहीं हुई है। कॉर्बेवैक्स के परिणाम में कोविशील्ड की तुलना में 50 प्रतिशत कम प्रतिकूल घटनाएं पाई गईं।