रायपुर। बलौदाबाजार जिले से झाड़ फूंक करने वाले एक तथाकथित बाबा का मामला सामने आया है जिसने कोरोना को झाड़फूंक करने के लिए 45000 रुपये में ठेका लिया था और गांवों में अनेक लोगों की झाड़फूंक की तथा स्वयं बीमार होने पर स्वयं के उपचार के लिए झाड़ फूंक पर भरोसा करने की बजाय शासकीय चिकित्सालय पहुंचा ,तथा जब उसका टेस्ट हुआ तब वह स्वयं कोरोना से संक्रमित पाया गया,यही नहीं उसका उपचार करने वाले बलौदाबाजार व पलारी के चिकित्सकों सहित 13 ग्रामीण संक्रमित पाए गए जब उससे जानकारी ली गयी तब पता चला कि वह ग्रामीणों का कोरोना से बचाव व उपचार के लिए ठेका लेकर झाड़ फूंक कर रहा है. मध्यप्रदेश के रतलाम में हाथ चूम कर कोरोना का इलाज करने वाले असलम बाबा उर्फ अनवर शाह की मृत्यु कोरोना से ही हुई है साथ ही उसके पास इलाज कराने वाले 24 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए थे अंधविश्वास,अज्ञानता, तथा लापरवाही के कारण हर दिन ऐसे अलग अलग प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं,जबकि इस परिस्थिति में नागरिकों को सतर्क सावधानी एवं जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करना चाहिए.

डॉ मिश्र ने कहा पूरे देश में ऐसे तथाकथित बाबाओं /तांत्रिकों की भरमार है जो अलग अलग तरीकों से झाड़ फूंक करते है.और लोगों के अंधविश्वास का लाभ उठाते हैं . कोरोना काल में इन बाबाओं के सम्पर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन करना प्रशासन और चिकित्सको के लिए और भी जटिल काम है.

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा कि लोगों को किसी भी प्रकार की झाड़ फूंक, और किसी भी प्रकार के बाबाओ के पास जाने से परहेज करना चाहिए. कोरोना जैसे वायरस संक्रमण के बचाव,व उपचार के लिए ,विश्व स्वास्थ्य संगठन, सरकार, द्वारा बताई जा रही गाइड लाइन का पालन करना चाहिए, तथा चिकित्सको द्वारा बताए जा रहे नियमों व सावधानी का पालन करना चाहिए, जब बार बार कहा जा रहा है कि हाथ मिलाने,किसी निकट सम्पर्क में जाने,भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं तब किसी भी हाथ चूमने,नजदीक बैठा कर झाड़ फूंक करने,वाले बाबा के पास जाना खतरनाक हो सकता है,साथ ही सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना,एवं आयोजित करना भी उचित नहीं है,कोई भी आयुर्वेदिक ,होमेओपेथी, दवा,काढ़ा,बिना अपने चिकित्सक से परामर्श के न लें,बार बार हाथ धोने, सेनेटाइजर ,मास्क का उपयोग कर,तथा जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार कर संक्रमण से खुद का तथा अन्य लोगों में संक्रमण फैलने से बचाव किया जा सकता है.

डॉ. दिनेश मिश्र. अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति