सुशील सलाम, कांकेर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश को सरकार ने लॉक डाउन कर दिया है. ऐसे में जो जहाँ है वहीं फंस गया. कांकेर जिले का भी ऐसा ही कुछ हाल है. शासकीय बिल्डिंग तैयार करने दूसरे जिलों के तकरीबन 56 मजदूर और बच्चों समेत कुल 70 लोग लॉक डाउन की वजह से यहां फस गए हैं. इन मजदूरों के पास महज दो दिनों का ही राशन बचा है. मजदूरों और उनके बच्चों के भोजन इत्यादि की व्यवस्था से ठेकेदार ने भी हाथ खड़े कर दिये हैं.

ये मजदूर मुंगेली और बेमेतरा जिले के रहने वाले हैं. वे यहां इमलीपारा में प्रयास आवासीय विद्यालय छात्रवास भवन का निर्माण कार्य कर में लगे हुए हैं. लॉक डाउन की वजह से यहां इन मजदूरों की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि इनके पास जितना पैसा बचा था उससे उन्होंने राशन खरीद तो लिया लेकिन अब आगे गुजर-बसर के लिए उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. ठेकेदार खाते में पैसा डालने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहा है. इन मजदूरों को न तो खाता संख्या की जानकारी है और ना ही उनके पास एटीएम ही है.

बड़ी दुविधा में फंसे ये मजदूर अब अपने घर तो जाना चाहते हैं लेकिन लॉक डाउन की वजह से गाड़ियां बंद होने की वजह से वे वापस जा भी नहीं पा रहे हैं. इन मजदूरों की शासन-प्रशासन से सिर्फ एक ही मांग है कि उनके और उनके परिवार के लिए दो जून की रोटी की व्यवस्था कर दें.

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी लेकिन कोई भी नुमाइंदा इन मजदूर और उनके नन्हे बच्चों की सुध लेने नहीं पहुंचा. हालांकि कलेक्टर केएल चौहान ने कहा था कि वे टीम भेजेंगे और उनके लिए राशन की व्यवस्था कराई जाएगी.