भोपाल। देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना संक्रमण (corona infection) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती का दौर लौटने लगा है. कई राज्यों ने फिर से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है, तो कई राज्यों ने बेहद सावधानी बरतने की हिदायत दी है. जांच में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं. मध्यप्रदेश में भी सावधानी बरतने के साथ ही सोमवार को प्रदेश के तमाम अस्पतालों में कोरोना से जंग की मॉकड्रिल (Corona mockdrill in MP) की गई.
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मॉकड्रिल
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मॉकड्रिल की गई. कोरोना से निपटने के लिए तैयारियों और व्यवस्थाओं को चेक करने के लिए मॉकड्रिल किया गया. हमीदिया अस्पताल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे. मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि केंद्र सरकार से जारी हुए निर्देश के बाद आज मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. अस्पतालों में ऑक्सीजन वेंटिलेटर बेड की व्यवस्थाओं को देखा गया.
कोरोना को लेकर पैनिक की स्थिति नहीं- मंत्री सारंग
हमने यह सुनिश्चित किया कि जब एक पेशेंट एंबुलेंस से अस्पताल आएगा, तो उसे पूरी व्यवस्था देने में कितना समय लगेगा. मरीज को एम्बुलेंस से निकालकर कैजुअल्टी तक पहुँचाना हमें लगभग दो मिनट 59 सेकंड लगे. आईसीएयू पहुंचाने में पेशेंट को पाँच मिनट का 30 सेकेंड का समय लगा. मध्य प्रदेश में व्यवस्थाएं पूरी तरह चुस्त दुरुस्त है. दवाईयों के प्रोक्योरमेंट के साथ बेड की भी पूरी उपलब्धता है. प्रदेश में फिलहाल कोरोना को लेकर कहीं भी पैनिक की कोई स्थिति नहीं है.
ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में मॉकड्रिल
ग्वालियर में भी केंद्र सरकार के निर्देश के तहत कोविड-19 की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन हुआ. ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में मॉकड्रिल हुई. यहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पास बने कोविड डेडीकेटेड वार्ड में मॉकड्रिल की गई. जिसमें बकायदा कोविड-19 पेशेंट को सांकेतिक तौर पर लाया गया, चेकअप के बाद उसे यहां भर्ती किया गया. बता दें कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में 28 वेंटिलेटर बेड रिजर्व किए गए है. यहां कोविड के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर और नर्स तैनात हैं. वहीं जरूरी इंजेक्शन और दवाएं भी उपलब्ध हैं.
इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में मॉकड्रिल
इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग अस्पतालों में मॉकड्रिल की. मॉकड्रिल में ऑक्सीजन प्लांट, अस्पताल में ऑक्सीजन का प्रेशर और बेड की व्यवस्था के साथ अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को देखा गया. जहां कमी दिखी है, उसे दुरुस्त कराने का काम स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा. कोरोना संक्रमण की आने वाली चौथी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है.
आज सोमवार को सुबह स्वास्थ विभाग ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचकर मॉकड्रिल की. मॉकड्रिल में अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट की जांच की गई. प्लांट से लेकर मरीज के बेड तक ऑक्सीजन का प्रेशर देखा गया. इसके साथ ही अस्पताल में सैनिटाइजर और बेड की उपलब्धता का भी निरीक्षण किया गया. 2 दिन चलने वाली इस मॉकड्रिल में स्वास्थ विभाग के अधिकारी अस्पतालों की हर व्यवस्था को देखेंगे. अगर कहीं व्यवस्था ठीक नहीं है, तो उसे दुरुस्त कराने का काम किया जाएगा.
इंदौर सीएमएचओ बीएफ सैत्य ने बताया कि केंद्र की तरफ से मिले आदेशों के अनुसार 10 और 11 अप्रैल को मॉकड्रिल की जाएगी. आज मॉकड्रिल के दौरान लाल अस्पताल और एमडीएच हॉस्पिटल का दौरा किया गया, जहां पर ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन पाइपलाइन सहित सभी सुविधाओं को जांचा गया.
जबलपुर में मॉकड्रिल
जबलपुर में भी कोरोना को लेकर जिला अस्पताल में मॉकड्रिल किया गया. मॉकड्रिल में मरीज को घर से लाने से लेकर भर्ती करने तक की प्रक्रिया की गई. करोना के बढ़ते केस को देखते मॉकड्रिल की गई. स्वास्थ्य विभाग का दावा पहले से सारी तैयारियां कर ली गई है. स्वास्थ विभाग ने सैनिटाइजर, मास्क, वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड उपलब्ध होने का दावा किया है.
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