रायपुर। छत्तीसगढ़ में पशु, कुक्कुट आहार, फिश फिड और पशु चिकित्सा सेवाओं को लाॅकडाउन से मुक्त रखने के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव डाॅ. मनेन्द्र कौर द्विवेदी द्वारा सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा है.
कृषि उत्पादन आयुक्त के पत्र में भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग और गृह मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्रों में पशु चिकित्सा सेवाएं, अतिआवश्यक सेवाएं होने, डेयरी, मिल्क बुथ, मिट, फिश एवं पशु चारा दुकानों को लाॅकडाउन से मुक्त रखने, आवश्यक सामग्रियों से परिवहन में छूट होने का उल्लेख करते हुए पशु, कुक्कुट आहार, फिश फिड, आहार के घटक-मक्का, सोया, राईस ब्रान खली, चुनी, सूखा, हरा चारा, लाइम स्टोन प्रिन्ट, रोल ग्रिड, हाई कैल्सियम फाॅस्फेट, दवाई, वैक्सीन, दुग्ध पेकिंग और वितरण सामग्री को लाॅकडाउन से मुक्त रखते हुए, राज्य में व अन्य राज्यों से परिवहन की अनुमति देने के साथ ही पशु चिकित्सा विभाग के स्टाॅफ को भी परिवहन में छूट देने के संबंध में लिखा गया है.
कृषि उत्पादन आयुक्त के पत्र के अनुसार राज्य के कुछ जिलों में पशु, कुक्कुट, फिश चारा परिवहन, दुग्ध पेकिंग, वितरण सामग्री, पशु चिकित्सा विभाग के स्टाॅफ को परिवहन की छूट नहीं दी जा रही है. उल्लेखनीय है कि राज्य में बड़ी संख्या में प्राईवेट, सरकारी डेयरी, पोल्ट्री फार्म, फिश फार्म संचालित है. जिन्हें समय बद्ध चारा, दाना आपूर्ति अपरिहार्य है. लेकिन कुछ जिलों में वाहनों को रोका जा रहा है, जिससे पशु, पक्षी, फिश के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. इसी प्रकार दुग्ध पेकिंग, वितरण सामग्री परिवहन, पशु चिकित्सा विभाग के परिवहन भी बाधित हो रहा है. इसे देखते हुए राज्य के सभी कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को छूट देने हेतु निर्देशित किया है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ प्रोग्रेसिव डेयरी असोसिएशन ने पशु फीड और फोडर को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने की मांग उठायी थी. कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इसे आवश्यक सेवाओं में शामिल करते हुए राज्यों को निर्देश जारी किए थे. राज्य में कई जगहों पर पशु आहार और भूसे की गाड़ियों को रोका जा रहा था जिससे पशुओं के खाने का गंभीर संकट पैदा हो रहा था.