नई दिल्ली. भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम ‘पेप्टाइड’ या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी तैयार की है, जिससे सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस निष्क्रिय किया जा सकता है.
पत्रिका ‘नेचर केमिकल बायोलॉजी’ में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कृत्रिम ‘पेप्टाइड’ या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी को तैयार की है, जो न केवल हमारी कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है, बल्कि विषाणुओं (वायरस कणों) को भी एक साथ जोड़ सकती है, जिससे संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है. अमीनो अम्लों की छोटी श्रृंखलाओं को ‘पेप्टाइड’ कहते हैं. कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं. प्रोटीन एवं पेप्टाइड में आकार का ही अंतर होता है.
नए अध्ययन में, टीम ने मिनीप्रोटीन को विकसित करने के लिए इस दृष्टिकोण का इस्तेमाल किया है, जो सार्स-सीओवी-2 वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन को अवरुद्ध कर सकता है. अध्ययन के प्रमुख लेखक जयंत चटर्जी ने कहा, हमें यह जांचने के लिए कि क्या एसआईएच-5 संक्रमण को रोकने के लिए उपयोगी होगा, टीम ने पहले लैब में स्तनधारी कोशिकाओं में विषाक्तता के लिए मिनीप्रोटीन का परीक्षण किया और इसे सुरक्षित पाया. इसके बाद एमबीयू के प्रोफेसर राघवन वरदराजन की प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों में, हैम्स्टर्स को मिनीप्रोटीन दिया गया. इसके बाद उसे सार्स-कोवि-2 के संपर्क में लाया गया. केवल वायरस के संपर्क में आने वाले हैम्स्टर्स की तुलना में इन जानवरों के वजन में कोई कमी नहीं दिखाई दी. वायरल लोड के साथ-साथ फेफड़ों में कोशिकाओं को भी बहुत कम क्षति हुई.
देश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 25 हजार के पार
देश में सोमवार को कोरोना के 4,518 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,31,81,335 हो गई. वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 25,782 पर पहुंच गई, जो कुल मामलों का 0.06 प्रतिशत है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में संक्रमण से नौ और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,24,701 हो गई है. पिछले 24 घंटे में सक्रिय मरीजों की संख्या में 1,730 की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.73 प्रतिशत है.