नई दिल्ली। देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. इन दिनों लगभग हर रोज कोरोना के 40 हज़ार से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं. मिजोरम, केरल समेत कुछ राज्यों में तो हालात चिंताजनक हैं. हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसे 10 राज्यों के 46 जिलों को कड़े कंटेनमेंट जोन बनाने के आदेश दिए हैं.
इन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है, यानी हर 100 सैंपल की जांच में 10 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित मिल रहे हैं. केंद्र ने ऐसे जिलों में भीड़-भाड़ को कम करने और लोगों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं.
कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर शनिवार को दिल्ली में एक हाई लेवल बैठक हुई. इसमें स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिज़ोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर में कोरोना के मौजूदा हालात पर चर्चा की. बाद में स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने भी हालत पर बातचीत की.
कहा जा रहा है कि इन 10 राज्यों में 80 फीसदी कोरोना के मरीज़ होम आइसोलेश में हैं. लिहाज़ा केंद्र ने इस बात लेकर चिंता जताई है कि ऐसे मरीजों पर राज्य सरकार नजर रख रही है या नहीं. सरकार को अंदेशा है कि ऐसे लोग घर से निकल कर तेज़ी से कोरोना फैला सकते हैं. पिछले कुछ हफ्तों से केरल और कुछ उत्तर पूरी राज्यों में कोरोना के नए मामलों में भारी इज़ाफा देखा गया है. यहां देश के मुकाबले पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है.
मिजोरम में हालात सबसे ज्यादा खराब है. यहां पॉजिटिविटी रेट 22 परसेंट से ज्यादा है. मणिपुर में 16.5 परसेंट. इसके बाद केरल की बारी आती है. यहां हर सौ सैंपल की जांच में 12 लोग कोरोना से संक्रमित मिल रहे हैं. महाराष्ट्र में अब भी यहां पॉजिटिविटी रेट 3.48 फीसदी हैं. इसके अलावा ओडिशा में 2.36%, और आंध्र प्रदेश में 2.7% पॉजिटिविटी रेट है.
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