रायपुर। समूचा विश्व इन दिनों कोरोना संकट से जूझ रहा है. इस संकट ने हर क्षेत्र को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित किया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोरोना से बचाव के लिए हर वो जरूरी कदम उठाए गए हैं जो कारगार है. जरूरी उपायों में लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंस और फिजिकल डिस्टेंस जैसे कदम बेहद महत्वूर्ण है. लाजिमी है कि इन स्थितियों के बीच हर व्यक्ति को घर पर ही रहना होगा. घर से अपने कार्यों को, गतविधियों को संचालित करना होगा. वैसे तकनीक के इस युग में अब घर से भी कई तरह के कार्य बेहद आसान हो गए हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि बेहतर सोच, रचनात्मकता और कोई नवाचार(नया प्रयोग) हो. कोरोना संकट के इस घड़ी में भूपेश सरकार ने ऐसा कुछ नवाचार के साथ रचनात्मक कार्य किया है. सरकार ने स्कूली छात्र-छात्राओं के शैक्षेणिक गतिविधियों को जारी रखने ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की है.

सीएम के हाथों हुआ था “पढ़ई तुँहर दुआर” पोर्टल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के सबसे बड़े ऑनलाईन पोर्टल में से एक “पढ़ई तुँहर दुआर” का शुभारंभ किया. इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के आनलाईन पढ़ाई कर सकते हैं. आज हज़ारों की संख्या में छात्र-छत्राएं इसका लाभ ले रहे हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि लाकडाउन के साथ ही आने वाले समय में बच्चों की निरंतर पढ़ाई में यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित होगा.

छात्रों से सीएम ने की ऑनलाइन बातचीत

मुख्यमंत्री ने ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ करते हुए तिल्दा (जिला-रायपुर) की शाला की कक्षा आठवीं की स्कूली छात्रा दामिनी और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड की सेलूद प्राथमिक शाला के शिक्षक मिलिंद से ऑनलाईन बातचीत भी की और इस पोर्टल के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की टीम को बधाई दी.

मुख्यमंत्री ने ऑनलाईन बातचीत में छात्रा दामिनी से पूछा कि कोरोना आपदा के कारण स्कूल बंद हैं ऐसे में डिजिटल प्लेटफार्म पर आनलाईन पढ़ाई करने में कैसा लग रहा है. छात्रा ने कहा कि यह एक अच्छी सुविधा है. हमारे समय का उपयोग हो। इस सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए दामिनी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने दामिनी से कहा कि इस प्लेटफार्म में अपने और दोस्तों को भी जोड़ें. सेलूद के शिक्षक मिलिंद ने भी इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस सुविधा में बच्चे टेक्नोलॉजी का सही उपयोग कर पढ़ाई कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि अब कोई भी शिक्षक किसी एक स्कूल का ही नही पूरे छत्तीसगढ़ के बच्चों का शिक्षक होगा.

एन.आई.सी. की सहायता से ऑनलाईन पढ़ाई

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने एन.आई.सी. की सहायता से ऑनलाईन पढ़ाई के लिये एक पोर्टल तैयार किया है. स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट cgschool.in (सीजीस्कूलडाटइन) पर कक्ष एक से 10 तक विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के संसाधनों को इसमें उपलब्ध कराया गया है. आगे और इसका विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत शीघ्र ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस पोर्टल को लॉच करने का उद्देश्य केवल पाठ्य उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं ऑनलाईन उपलब्ध कराना है.  जैसे विद्यार्थियों को स्कूल की कक्षा में पढ़ाई के समय जो शिक्षा सुविधा उपलब्ध रहती है. ऑनलाईन शिक्षा सुविधा के तहत छात्रों को इस पोर्टल में पाठ्य सामग्री के रूप में पीडीएफ फार्मेट में पाठ्य पुस्तकें, ऑडियो तथा वीडियो लेसन आदि उपलब्ध है, इसके साथ अन्य बहुत सी सुविधाएं भी इसमें उपलब्ध करायी गई है। जो साधारणतयः केवल समक्ष कक्षा में ही मिलती है.

इस प्लेटफार्म के जरिए बच्चों को ऑनलाईन होम वर्क भी दिया जा रहा है. उसे वे घर पर ही अपनी कॉपीमें हल करेंगे और अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं. इसके बाद संबंधित शिक्षक उसे ऑनलाईन जांच कर वापस विद्यार्थियों को भेज देते हैं. इस प्रकार विद्यार्थी घर बैठे ही अपनी कमजोरियों को समझ कर उन्हें दूर कर सकेंगे. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस पोर्टल का उपयोग लगातार होता रहेगा. छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं विषय शिक्षकों की कमी वाली शालाओं के लिए भी यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी होगा.

इस पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे विभाग ने बिना किसी बाहरी मदद के स्वयं तैयार किया है. इसकी प्रोग्रामिंग विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने एनआईसी के प्रोग्रामरों के साथ मिलकर की है. इस प्रकार विभाग ने यह साफ्टवेयर बिना कोई धन राशि व्यय किए निःशुल्क तैयार किया है.स्कूल शिक्षा विभाग ने आशा व्यक्त की है कि इस पोर्टल से बड़ी संख्या में विद्यार्थी लाभान्वित होंगे.

बच्चों में पढाई-लिखाई का जोश दोगुना

पढ़ई तुँहर दुआर पोर्टल ने इन दिनों बच्चों की पढाई-लिखाई का जोश दोगुना कर दिया है. इस पोर्टल ने स्कूली बच्चों को नए सिरे से न सिर्फ पढ़ने-लिखने का जुनून पैदा किया है, बल्कि लॉकडाउन के उबाऊ और नीरसपन को भी खत्म कर दिया है. स्कूली बच्चे अब बड़े मनोयोग से इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई में जुट गए है. अभी शुरूआती दिनों में ही इस पोर्टल को बेहतर प्रतिसाद मिलने लगा है. बच्चे इसके माध्यम से अपनी स्कूली पढ़ाई को आगे बढ़ाने में तल्लीन हो गए है. इस नए पोर्टल के माध्यम से कक्षा पहलीं से दसवीं तक की पढ़ाई करायी जा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित शिक्षक न केवल पढ़ाई करा रहे हैं, बल्कि बच्चों को होमवर्क भी दे रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग ने कोविड-19 के लंबे लॉकडाउन पीरियड होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि देखते हुए शालाओं और अन्य संस्थानो को बंद किया है. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान लॉकडाउन मे ना हो, इसके लिए ’पढ़ई तुंहर दुआर’ ऑनलाइन क्लासेस का शुभारंभ किया है. इसमें लगातार शिक्षकों के माध्यम से ई-क्लासेस ली जा रही है। जिसमें शिक्षक-विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन cgschool.in की वेबसाईट में करवा कर कक्षाएं ली जा रही है. परिषद के द्वारा भी कक्षाओं का संचालन हो रहा है.

छात्रों के मन की बातें

बिलासपुर जिले की शिक्षिका चानी एरी द्वारा विज्ञान की डेमो क्लासेस लेने के साथ-साथ इस कार्यक्रम में सामग्री अपलोड करने के लिए सामग्री के चयन का कार्य भी कर रही हैं. कक्षा पहली से दसवीं तक के विभिन्न विषयों के कक्षावार सामग्री इस वेबसाईट के लिए शिक्षक अपलोड करने लगे हैं। यह सामग्री कभी भी कोई भी शिक्षक देख सकता है। इस शिक्षिका द्वारा अपने जिले के अलावा अन्य जिलों के शिक्षकों और बच्चों को भी इस कार्यक्रम से जुड़ने हेतु पहल की जा रही है. बच्चे भी कक्षाओं में रूचि लेकर पढ़ रहे हैं और हर कक्षा में वह कुछ ना कुछ सीख रहे हैं. अपनी टीचर से पढ़ने के अलावा उन्हें अन्य टीचरों का भी लाभ प्राप्त हो रहा है। बच्चे अधिक से अधिक जुड़े यह उनके लिए लाभप्रद होगा. वह भी टेक्नोलॉजी से जुड़कर पढ़ाई करना सीख रहे हैं. शिक्षिका चानी एरी के विद्यार्थी मास्टर सायन शर्मा से बात करने पर ऐसा लगा कि कक्षा सातवीं से आठवीं गए इस बालक को मोबाइल टेक्नोलाजी का अच्छा खासा ज्ञान है.

सायन शर्मा बिलासपुर से लगे देवरी पंधी में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला के विद्यार्थी है। उसके पिता योगेश शर्मा की ऑटो पार्ट्स की दुकान है। बेटे के स्कूल के सभी शिक्षक उनके दुकान में अपनी गाडी बनवाते हैं। सभी शिक्षकों ने फोन कर इस कार्यक्रम की सूचना उन्हें दी और अपने बच्चों को इस कार्यक्रम को नियमित रूप से देखने के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उनके घर में तीन मोबाइल है जिसमें से एक स्मार्ट फोन और शेष दो बटन वाले फोन हैं. पिताजी को चिंता है कि अभी तो लाकडाउन की वजह से वे घर पर ही हैं इसलिए उनका मोबाइल बेटा पढाई के लिए उपयोग कर पा रहा है। परन्तु जब वे रोज दुकान जाने लगेंगे तब उनका बेटा कैसे पढेगा, इस बात की उन्हें चिंता है. सायन ने कोशिका एवं त्वचा से संबंधित विज्ञान का आनलाइन पाठ देखा था और उसे यह अनुभव बहुत अच्छा लगा. उसे आनलाइन और प्रत्यक्ष कक्षा दोनों पसंद हैं और वह अपने विज्ञान शिक्षिका की खूब तारीफ करता है. जब उससे कमला राजपाल की आनलाइन कक्षा और अपनी शिक्षिका ऐरी की कक्षा में से कौन सी कक्षा ज्यादा अच्छी लगी पूछने पर बड़ी होशियारी से इस सवाल को टालकर दोनों की कक्षाओं को अच्छा बताया। मास्टर सायन बड़ी होशियारी से आनलाइन सवालों के स्क्रीनशाट लेकर आगे हल करने में लगे हैं.


16 लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत, 8 हज़ार से अधिक ऑडियो-वीडियो पाठ्य सामग्री

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिये किए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं. इस कारण यह आवश्यक हो गया है कि घरों में रहकर ही बच्चों को पढ़ने-लिखने और सीखने का अवसर प्रदान किया जाये, इसके तहत छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के हित में पढ़ई तुँहर दुआर ई-प्लेटफार्म की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इससे अब छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई ई-प्रक्रिया के तहत सीखना जारी रख सकेंगे और आगे की पढ़ाई के लिये पूरी तरह से तैयार रहेंगे.  देश में अपने तरह का यह पहला बड़ा ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों सहित हिन्दी भाषी राज्यों के छात्रों के लिए भी बहुत ही लाभदायक है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्रायल के पहले ही दिन चालीस हजार से अधिक लोगों ने इस पोर्टल को विजिट किया. पहले ही दिन इसमें सैकड़ों शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन करा लिया था. वर्तमान में 15 लाख 86 हज़ार 410 स्कूली विद्यार्थी पंजीकृत है. वहीं 74 हज़ार 2 सौ 18 कॉलेज विद्यार्थी पंजीकृत है.
और 8 हज़ार से अधिक वीडियो तथा अन्य पाठ्य सामग्रियों अपलोड भी किया जा चुका है.