रायपुर। कोरोना संकट ने आज गरीब तबके के लोगों के सामने अनेक तरह की चुनौतियों का जन्म दे दिया है. आर्थिक(नगद) की संकट तो है ही. बड़ी संकट खाने-पीने से लेकर जीने तक की है. लेकिन कहते हैं जब विपदा बड़ी हो, कठिन घड़ी हो तभी संकट को हरने वाले फरिश्ते भी आते हैं. और आज कोरोना संकट के मौके पर दुनिया भर में कमजोर तबके के लोगों की मदद के लिए लाखों की संख्या में लोग मदद को आगे आए हैं. किसी फरिश्तें की तरह.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी अनेक समाजसेवी संगठन, हजारों लोग राशन से लेकर खाना सहित अन्य जरूरत के समानों को बाँटने, जरूररतमंदों तक पहुँचाने का काम कर रहे हैं. कुछ संगठन तो सेवा का मुहिम भी चला रहे हैं. और लोगों का कारवाँ है कि बनते ही जा रहा है.

ऐसे ही समाज सेवी संगठन में से एक है आशाएं.  जी हाँ आशाएं. एक ऐसी समजा सेवी संस्था जहाँ आप अपनी आशाओं को पंख दे सकते हैं. आप सेवा के इस मुहिम में आशाएं के साथ जुड़कर अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं. आप भी मदद की भावना रखते हैं, आप जरूरतमंदों तक पहुँचने वाली सेवा में अपना हाथ बटाना चाहते हैं, सहयोग करना चाहते हैं तो आशाएं आपके साथ, आप आशाएं के साथ आ सकते हैं. क्योंकि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ उसके बाद से आशाएं के सदस्य वैश्विक महामारी के बीच अपने घरों से निकलकर जरूररतमंदों के घरों तक जरूरत की चीजें लेकर पहुँच रहे हैं.

पहले चरण में संस्था ने प्रतिदिन 550 फ़ूड पैकेट ट्रांसपोर्ट नगर, मेटल पार्क, उरला, सिलतरा, मजदूर बस्ती, नवागांव, तुलसी नगर, विधान सभा, मंदिर हसौद, चंडीनगर, कचना, देवार बस्ती कमल विहार, क्षेत्रों में लगातार 10 दिनों तक वितरित किया.  इसके अतिरिक्त लगभग 50 बैग सूखा राशन किट, प्रतिदिन ज़रूरतमंदों तक पहुंचाया गया, समय समय पर ज़रूरतमंदों को सैनिटाइज़र, मास्क, कपडे, चप्पल, साबुन पैकेट वितरित किया गया. पहले चरण में कुल 5500 फ़ूड पैकेट एवं 500 किट राशन बैग ज़रूरतमंदों तक पहुंचाया गया. वहीं जिला प्रशासन को भी 1100 किलो राशन सामग्री प्रदान किया गया.

इसी तरह से दूसरे चरण में कलेक्टर महोदय की अपील पर संस्था ने 1000 राशन बैग तैयार किया, प्रति बैग में 5 किलो चावल, 1 किलो आंटा, 1 किलो आलू, 1 किलो प्याज़, 1/2 किलो दाल, 1/2 किलो नमक, 1/2 लीटर तेल, 2 नाग साबुन, पार्ले बिस्किट दिया गया . जिसमे से 650 राशन बैग ससम्मान कलेक्टर महोदय की उपस्तिथि में जिला प्रशासन को सौंपा गया. समय समय पर ज़रूरतमंदों को दूध पैकेट, सब्ज़ी, अनाज सामग्री भी वितरित किया गया.


तीसरे चरण में जिला प्रशासन द्वारा संस्था को एक बड़ी जिम्मेदारी सौपी गयी, जिसमे संस्था ने 18 अप्रैल से लगातार रायपुर के महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र – गोगॉंव  में 1000 ज़रूरतमंद मजदूर एवं कर्मचारियों को प्रतिदिन फ़ूड पैकेट प्रदान किया जा रहा है, अब तक गोगॉंव क्षेत्र में 11000 फ़ूड पैकेट वितरित किया जा चूका है, और यह मुहीम निरंतर जारी रहेगी. इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र के ज़रूरतमंदों की अन्य ज़रूरत अनुसार भी समय समय पर मदद की जा रही है. अब तक लगभग 20,000 ज़रूरतमंदों को संस्था द्वारा राहत पंहुचायी गयी है.

सोच रहे होंगे जब मदद की जा रही है तो ये सब जानकारी क्यों दी जा रही है ? ये इसलिए दी जा रही है, क्योंकि आशाएं की तरह से अनेक सारे संगठन है जिनकी ख़बरें कई बार आती है, कई बार दब के रह जाती है. और जानकारी इसलिए भी कि बहुत से लोग कई तरह की सामग्रियाँ सामाजिक संगठनों को देना चाहते हैं, मदद करना चाहते हैं, लेकिन दे नहीं पाते है. वैसे लोग भी ऐसे समाज सेवी संगठनों से जुड़कर या अपनी मदद पहुँचाकर इस पुनित कार्य में भागीदार बन सकते हैं.