दिल्ली। चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। हाल ये है कि दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाने वाला सऊदी अरब भी इसकी चपेट में आ गया है।

कोरोना ने सऊदी अरब की इकानामी को अपने चपेटे में ले लिया है। इस महामारी को रोकने के लिए कई देशों की सरकारों ने अपने-अपने देश में कंप्लीट लॉकडाउन लगा दिया था, जिसके कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई। वहीं इसका असर तेल की मांग पर भी पड़ा है। लॉकडाउन के कारण तेल की मांग में तेजी से गिरावट हुई है, जिसका सीधा असर कच्चे तेल के दामों पर पड़ा है। इस गिरावट की वजह से सऊदी अरब को 2 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जिसके कारण सरकार के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे तक नहीं है।

गौरतलब है कि सऊदी अरब ने अपने साल 2020 के बजट में 833 अरब रियाल की कमाई का अनुमान लगाया था, जिसमें सिर्फ तेल से होने वाले कमाई का अनुमान 513 अरब रियाल लगाया था। मगर कोरोना के कारण इस साल सऊदी अरब को 27 अरब डॉलर यानी 100 अरब रियाल का घाटा हुआ है। अगर हम भारतीय मुद्रा में बात करें, तो वह यह घाटा करीब 2 लाख करोड़ रुपये का है। अब हाल ये है कि सऊदी अरब की सरकार के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं।