रायपुर। कोरोना वायरस का सर्वाधिक असर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. ऐसे में उनकी चिंता सबसे अधिक है. जरूरी है कि उन्हें संकट के इस घड़ी में हर संभव मदद पहुँचाई. छत्तीसगढ़ में संवेदनशील भूपेश सरकार इस दिशा में कारगर तरीके से काम कर रही है. सरकार को पता है कि कोरोना संकट का प्रभाव प्रत्येक क्षेत्र में पड़ा है. लॉकडाउन में सबकुछ बंद हो गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिंता आंगनबाड़ी के बच्चों की है जिसके लिए सरकार पोषण आहार कार्यक्रम चला रही है. सरकार को चिंता उन गर्भवती महिलाओं और किशोरियों की है जिन्हें अभी सबसे अधिक मदद की दरकार सरकार से ही है.

                                                                       घर-घर रेडी-टू-ईट फूड

सरकार भी इस मामले में कहीं भी पीछे नहीं है. यही वजह है कि भूपेश सरकार ने तत्काल इस दिशा में ठोस पहल करते हुए घर-घर जाकर पोषण आहार नियमित रूप से पहुँचाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद अब प्रदेश के 6 माह से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार की नियमित रूप से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से रेडी-टू-ईट फूड घर-घर जाकर हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है.

                                                            24 लाख से अधिक हितग्राही लाभांवित

ये रेडी-टू-ईट फूड चयनित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किया जा रहा है. महिला समूह द्वारा इनके निर्माण में पूरी गुणवत्ता और स्वच्छता का ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए इसके वितरण में कोई समस्या नही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट फूड पैकेटों के वितरण के दौरान भी पूरी तरह स्वच्छता और सावधानी रखी जा रही है. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के बावजूद बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा. पूरक पोषण आहार के लिए राज्य सरकार द्वारा विभाग को पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया गया है. 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को आंगनबाड़ी के माध्यम से पूरक पोषण आहार वितरण डोर टू डोर जाकर किया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ताओं को पर्याप्त मात्रा में रेडी-टू-ईट फूड के पैकेट उपलब्ध कराए गए है.

                                                           स्वच्छता के साथ जागरूकता भी

रेडी-टू-ईट-फूड निर्माण में महिला समूहों द्वारा निर्माण और वितरण के दौरान स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. वे गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हैं. लिहाजा संकट में भी वितरण को लेकर कोई समस्या नही है.  सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. वर्तमान में 1 लाख कर्मचारी प्रदेश इस कठिन घड़ी में बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार का ध्यान रख रहे हैं.

                                                          भूपेश बघेल स्वयं रख रहे हैं संकट पर पैनी नज़र


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ही हर एक गतिविधियों पर बारिकी से नज़र रख रहे हैं. वे स्ययं तमाम व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. छोटी-छोटी बातों पर पूरी गंभीरता से मुख्यमंत्री ध्यान दे रहे हैं. यही वजह है कि व्यवस्था चाक-चौबंद नज़र आ रही है. किसी भी तरह का कोई विपरीत प्रभाव बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों पर न पड़े वे इसका विशेष ध्यान रख रहे हैं. पोषण आहार को लेकर भूपेश सरकार बेहद संजीदा नज़र आ रही है. पूरक पोषण आहार के लिए राज्य सरकार द्वारा विभाग को पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया गया है.