रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दो माह का अग्रिम राशन दिए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए सरकार से मांग है कि यह राशन हितग्राहियों के घरों तक निःशुल्क पहुंचाया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि इस वितरण में किसी भी प्रकार का घपला/घोटाला न हो।

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि जिस सख्ती से सरकार लॉक डाउन को लागू कर रही है, उससे राशन लेने जैसा अत्यावश्यक कार्य करना भी मुश्किल हो रहा है। आदिवासी इलाकों में लोगों को राशन लेने के लिए औसतन 10-15 किमी. की दूरी तय करनी पड़ती है और बस्तर में तो पुलिस और सुरक्षा बलों की अनुमति के बिना उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।

माकपा नेता ने अपने बयान में एक बार फिर कहा है कि बिना सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराए सोशल डिस्टेंसिंग के मकसद को कामयाब नहीं किया जा सकता। इसके लिए आम जनता की तकलीफों के प्रति राज्य सरकार और प्रशासन को संवेदनशील होना होगा। इसी संदर्भ में उन्होंने यह मांग की है कि राशन हितग्राहियों के घरों तक निःशुल्क पहुंचाया जाए।