विप्लव गुप्ता,पेंड्रा। देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन होने के बाद मजदूर पलायन करने को मजबूर है. राजधानी रायपुर के फैक्ट्री में काम बंद होने पर 19 मजदूर की टोली करीब 550 किलोमीटर दूर पैदल ही पेंड्रा होते हुए मध्यप्रदेश के उमरिया के लिए निकल गए हैं. चार दिन की पैदल यात्रा कर ये मजदूर पेंड्रा पहुंचे हैं.

आज चौथे दिन के सीमांत जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ग्रामीण इलाकों से छुपते छुपाते शाम तक मध्य प्रदेश की सीमा में पहुंच जाएंगे. सब कुछ सही रहा तो 3 दिन बाद ये उमरिया पहुँच जाएंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है यह श्रमिक बीते 4 दिनों से राजधानी रायपुर से न्यायधानी बिलासपुर- रतनपुर होकर पेंड्रा तक आ पहुंची और रास्ते में कहीं भी इनकी पड़ताल नहीं की गई, कोई भी इन्हें नहीं रोका.

मजदूरों की माने तो रायपुर में जिस कंपनी में वो काम करते थे वो अचानक बंद हो गई और ठेकेदार भी भाग गया. इसलिए वहां से पलायन करने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं था. उन्होंने बताया कि पूरे रास्ते में ग्रामीणों ने इनकी जरूर मदद की किसी ने पीने का पानी दिया, तो किसी ने बिस्किट और कुछ खाने के सामान भी उपलब्ध कराएं. इन मजदूरों के पास खाने पीने का कोई भी समान नहीं है न ही इनके जेब में पैसे बचे है.

ऐसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार के निर्देशों का प्रशासन पालन नहीं कर रहा है ? एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है ? जबकि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिया है कि कोई भी आपके प्रदेश के अंदर प्रवेश न कर सके. कोई आता है तो उन्हें सीमा पर रोक दिया जाए. उनके खाने पीने की व्यवस्था कराई जाए, लेकिन गांव में न घुसने दे.