रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पूर्व में अनियोजित लॉक डाउन को आगे बढ़ाने से पहले केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पूर्व में की गई गलतियों से सबक लेते हुए उसे ठीक करने की मांग की है । किसान सभा ने कहा है कि 24 मार्च से जारी अनियोजित लॉक डाउन के कारण करोड़ों प्रवासी मजदूरों, किसानों, खेत मजदूरों और कमजोर वर्ग के तबकों की आजीविका छीन गई है और वे भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, जबकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पौष्टिक भोजन मिलना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस अनियोजित लॉक डाउन से उपजे चौतरफा संकट ने अभी तक सैकड़ों की जान ले ली है।
छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि यदि लॉक डाउन की अवधि बढ़ाई जाती है, तो केंद्र सरकार किसानों और कमजोर वर्ग के तबकों की आजीविका और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता के साथ निम्न कदम उठाए :
1. देश की खाद्य सुरक्षा को बनाये रखने के लिए इस मौसम की फसलों की कटाई, परिवहन और लाभकारी समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की जाएं।
2. फसल के नुकसान और किसानों-खेत मजदूरों की आय में कमी के लिए मुआवजा दिया जाएं और अगले मौसम के लिए उन्हें मुफ्त बीज और अन्य इनपुट दिए जाएं।
3. गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए 5000 रुपये प्रति माह हस्तांतरित किये जाए। इस उद्देश्य के लिए 4 लाख करोड़ रुपये के अलग आवंटन की घोषणा की जाए।
4. प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत पट्टेदारों व बटाईदारों सहित सभी किसानों को 18,000 रुपये प्रति वर्ष दिया जाए और इसकी पहली किश्त के तौर पर 6000 रुपयों का तत्काल भुगतान किया जाये।
5. मनरेगा कानून के तहत बेरोजगारी के प्रावधान का उपयोग करते हुए सभी जरुरतमंद ग्रामीणों को न्यूनतम 300 रुपये प्रति दिन की मजदूरी दी जाए।
6. प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए शिविरों की साफ-सफाई व उनके भोजन-पानी की उचित व्यवस्था की जाएं।
7. राज्य सरकारों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य उपायों को अपनाने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दस्तकारों, मछुआरों, आदिवासियों व दलितों सहित लॉकडाउन से प्रभावित सभी लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए।
8. भुखमरी रोकने के लिए केरल मॉडल की तर्ज़ पर बिना किसी भेदभाव के सभी जरूरतमंद परिवारों को 35 किलोग्राम अनाज सहित दैनिक जरूरत की चीजों का राशन किट बनाकर दिया जाए।
9. केंद्र सरकार सभी कोरोना संदिग्धों का नि:शुल्क परीक्षण और उपचार सुनिश्चित करे और राज्यों को तेजी से परीक्षण करने वाले किट, पीपीई, मास्क व दस्ताने उपलब्ध कराएं।