नई दिल्ली/रायपुर। इतिहास में पहली बार तेल के दाम शून्य से भी नीचे आ गया है। न्यूयार्क में कच्चे तेल के दाम गिरकर 37.63 के न्यूनतम स्तर तक पंहुचा। इसके बाद ये 35 डॉलर के स्तर पर थमा। 1946 के बाद पहली बार तेल में ऐसी गिरावट देखी गई है।
कीमतों में गिरावट के बाद इसके नेगेटिव होने का मतलब है कि दुनिया भर में उत्पादन में कमी के बाद भी इस्तेमाल और स्टोरेज से ज़्यादा कच्चा तेल है। ओपेक और उसके सहयोगी देशों जैसे रूस और अमेरिका ने उत्पादन में कटौती का फैसला किया है।
नेगेटिव ऑयल प्राइस के बाद मोदी सरकार से सोशल मीडिया पर मजाकिया सवाल पूछे जा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि अगर तेल के दाम हिंदुस्तान में बाजार तय करता है तो क्या अब तेल भरवाने पर पैसे ग्राहक को मिलेंगे।
गौरतलब है कि इतवार को क्रुड आयल के प्राइस 15 डॉलर तक पंहुच गए थे। उसके बाद सोमवार को ये तीन दशक में सबसे कम 8$ चला गया और फिर नेगेटिव गोते लगाने लगा।
हांलाकि अब भी हिंदुस्तान में भारी टैक्स की वजह से पेट्रोल 65 से 75 रुपये में, जबकि डीजल 62-70 रुपये के बीच अधिकांश जगहों पर मिल रहा है।