सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी के गायत्री नगर स्थित भगवान जगन्नाथ कोरोना काल में बीमार पड़ गए हैं. भगवान जगन्नाथ के जल्द स्वस्थ होने के लिए हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार उन्हें औषधियुक्त काढ़ा पिलाने की रस्म निभाई जाती है. 5 जून को भगवान बीमार पड़ते हैं, उसी दिन पूजा-अर्चना और महाआरती कर मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं. इस समय भगवान एकांतवास में विश्राम करेंगे यानी कोरोना काल में क्वारेनटाइन रहेंगे.
भगवान जगन्नाथ हर साल इसी समय बीमार पड़ते हैं. तब मंदिर के पट बंद रहने के दौरान भगवान को दिन में 4 बार काढ़ा पिलाया जाता है. इस दौरान भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं करने देते है. 22 जून को भगवान स्वस्थ होंगे, तब 23 जून को भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रथ पर सवार होकर नगर करेंगे. यानी रथ यात्रा निकाली जाएगी.
मंदिर के पुजारी सीतराम पंडा ने बताया कि 5 जून से भगवान की तबीयत बिगड़ी है. इस दौरान उनका विशेष ख्याल रखा जा रहा है. उन्हें 4 बार काढ़ा पिलाया जाता है. दर्शन करने वाले भक्तों को भी इसी काढ़े का सेवन कराया जाता है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस काढ़े के पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. कोरोना के इलाज में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. भगवान के इस काढ़े में 10 प्रकार की जड़ीबूटियों के साथ ही अदरक, लोंग, इलाइची और तुलसी पत्ते का मिश्रण होता है.
रथ यात्रा के संबंध में पंड़ित ने कहा कि भगवान की रथ यात्रा मंदिर में ही निकाला जाएगा, लेकिन रथ बाहर ले जाकर भक्तों को दर्शन नहीं देंगे. आज राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा होगी. उसके बाद प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि आयुष मंत्रालय की ओर से जारी गाइड लाइन में भी तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने की सलाह दी गई है.