नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका से निकला कोरोना का ‘ओमिक्रॉन’ वैरिएंट कई देशों में डेल्टा वैरियंट से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. ‘ओमिक्रॉन’ महज एक माह के भीतर दुनिया के 108 देशों में 1.51 लाख लोगों को संक्रमण में जकड़ चुका है. भारत में भी इस वैरियंट से निपटने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकार तैयारी में जुटी हुई हैं.

ब्रिटेन में ओमिक्रॉन ने एक महीने में कोरोना संक्रमण ने पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 22 दिसंबर को ब्रिटेन में 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा था. वहीं बात करें अमेरिका की तो 19 अप्रैल तक आ रहे कुल कोरोना के मामलों में 0.31% केस के पीछे डेल्टा वैरिएंट ही वजह था. लेकिन जबसे ओमिक्रॉन ने दस्तक दी संक्रमण की दर में भारी इजाफा हुआ है. 22 दिसंबर तक अमेरिका में हर चौथा केस ओमिक्रॉन की वजह से आ रहा है.

दक्षिण अफ्रीका में 95 फीसदी केस

ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा जर्मनी में भी ओमिक्रान का असर देखने को मिल रहा है. जर्मनी में डेल्टा वैरिएंट की शुरुआत हुई थी दब  0.69% मामलों के पीछे यह जिम्मेदार था. वहीं ओमिक्रॉन के आने के कुछ दिन बाद ही कुल मामलों में से 9% केस इसी वैरिएंट  के नजर आ रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को सबसे पहले ओमिक्रॉन का मामला आया था, जो 13 दिसंबर तक दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमण का प्रमुख वैरिएंट बन गया है. दक्षिण अफ्रीका में 95 फीसदी मामलों के पीछे इस नए वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.

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भारत में 358 मामले सामने आए

बात करें भारत की तो महज 22 दिन के अंदर ही ओमिक्रॉन 17 राज्यों में फैल चुका है. 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था. देश में अब तक इस वैरिएंट के 358 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि दिसंबर 2020 के आखिर में डेल्टा वैरिएंट के आने के साथ शुरुआती महीने में कुल मामलों में से 0.73% केस ही डेल्टा वैरिएंट के थे.

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