नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा है. इस बीच कोविड-19 के लाखों मरीजों को बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती की है. इसकी कीमत दो हज़ार रुपए तक कम की गई है. केंद्र सरकार ने देश में एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिविर की भारी किल्लत को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है.

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दरअसल, देश में एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिविर की भारी किल्लत देखने को मिल रही थी. मोदी सरकार ने रेमडेसिविर दवा के दाम को तत्काल प्रभाव से घटाने का निर्णय लिया है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी साझा की है. केडिला हेल्थ केयर लिमिटेड की दवा रेमडेक जो पहले 2800 में मिलती थी, वह अब 899 रुपये में मिलेगी.

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इसी तरह डॉ रेड्डी की रेडिक्स जो 5400 रुपये में मिलती है, वह अब 2700 रुपये में मिलेगी. इसके साथ ही केंद्र सरकार के निर्देश पर पांच और कंपनियों ने भी दाम घटाए हैं. रेमडेसिविर कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए इस समय कारगर साबित हो रही है. बीते कुछ दिनों से इस दवा की किल्लत हो रही थी, जिससे इसके दाम आसमान छूने लगे हैं.

रेमडेसिविर के दाम घटे

बीते दो-तीन महीनों से इस दवा के उत्पादन में भी काफी कमी आ गई थी. डॉक्टरों के मुताबिक, रेमडेसिविर कोरोना बीमारी की अवधि कम करता है, लेकिन मौत की दर को घटा नहीं सकता. यह एक जरूरी ड्रग है. संक्रमण अधिक फैलने से लंग्स खराब होने की स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसी वजह से आजकल बाजार में इस दवाई की किल्लत बढ़ गई है.

देखें कीमतें-

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बाजार में दवाई की किल्लत 

बाजार में इस दवाई की किल्लत बढ़ गई है. अगर दवाई मिल भी रही है तो काफी महंगे दामों में मिल रही है. इसलिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों इस दवाई की निर्यात पर पाबंदी लगा दी है और अब कई राज्य सरकारों ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है.

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कौन-कौन सी कंपनियां रेमडेसिविर बनाती है

बता दें कि रेमडेसिविर बनाने का अधिकार या पेटेंट अमेरिकी कंपनी गिलेड लाइफ साइंस (Gilead Life science) के पास है. भारत की कुछ कंपनियां, जैसे जाइडस (Zydus), केडिला (Cadila), ड़ॉ रेड्डी लेबोरटिरीज (Dr Reddy’s Laboratories), हेटेरो ड्रग्स (Hetero Drugs), जुबलिएंट लाइफ साइंसेज (Jubliant Life Sciences), सिप्ला लि. (Cipla Ltd) और बिक़ॉन ग्रुप (Biocon Group) की गिलेड के साथ करार है. अमेरिकी कंपनी माइलन (Mylan) की भी भारतीय यूनिट्स में इसका उत्पादन होता है. भारतीय कंपनियां हर महीने कुल 34 लाख यूनिट रेमडेसिविर बनाती हैं, जिसका निर्यात दुनिया के 120 से अधिक देशों में किया जाता है.

 

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