गंभीर कोरोना मरीजों में उपयोगी इंजेक्शन रेमडेसिविर की कमी को लेकर केंद्र सरकार ने सभी मैन्युफैक्चर्स से इसका प्रोडक्शन बढ़ाने को कहा है, साथ ही रोजाना राज्यों के संपर्क में रहकर डिलीवरी को मजूबत करने को कहा है. इसे लेकर गृह मंत्रालय की तरफ से एक बड़ा बयान भी जारी किया गया है.

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन और अन्य दवाओं की किल्लत को लेकर देशभर में हाहाकार मचा है. वहीं अब कोरोना संक्रमण के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी मांग और उसकी कमी से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की खबर आई है. दरअसल, गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए रेमडेसिविर का प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कही है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन भारत में फिलहाल कम है. इसे अगले महीने तक 38.80 से 74 लाख यूनिट बढ़ाया जाएगा.

मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (केंद्रशासित प्रदेशों) से रेमेडिसविर की आपूर्ति और वाहन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (संघ शासित प्रदेशों) के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में यह भी बताया कि 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाएगा.

देश में रेमेडिसविर इंजेक्शन के सात लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए 38.80 लाख यूनिट प्रति माह से 74 तक की गई है. गृह सचिव ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और फार्मास्युटिकल विभाग (DoP) ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को इंजेक्शन देने की इस पहल के बारे में 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सभी लाइसेंसधारियों को रेमेडिसविर की आपूर्ति के लिए सूचित किया है.

वहीं देश में 7 अलग-अलग कंपनियां रेमडेसिविर  इंजेक्शन (Remdisivir Injection) बनाती हैं. देश में रेमडेसिविर  की बढ़ती मांग की वजह से सरकार ने पिछले दिनों इसके निर्यात पर भी रोक लगाने का फैसला किया था. उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है. फिलहाल इन कंपनियों के पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख यूनिट बनाने की क्षमता है.