लखनऊ. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब मौलानाओं की एक बड़ी अपील सामने आई है. माह-ए-रमजान का पहले जुमे को लेकर रोजेदार खास तैयारियों में जुटे हैं.
मौलानाओं ने कोरोना संक्रमण काल में घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की है. मस्जिदों में सीमित संख्या में ही नमाज अदा की जाएगी. वहीं दिनभर भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर रोजेदारों ने अल्लाह की इबादत में माह-ए-रमजान का दूसरो दिन भी गुजारा.
घरों में महिलाओं ने इफ्तारी की तैयारियों के साथ ही इबादत में भी वक्त लगाया.
कोरोना संक्रमण के इस काल में घर रहकर इबादत कर कोरोना से मुक्ति की दुआ करें. इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने अपील की है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जुमे की नमाज घरों में ही अदा करें. हम सब मिलकर इस महीने में गरीबों और मजलूमों की मदत करें. ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की ओर से दो पारे की तिलावत की गई. रोजेदार घर में रहकर शारीरिक दूरी बनाते हुए आनलाइन कुरआन पाक के दो पारे सुने और इसके बाद 20 रकआत तरावीह अदा की.
इससे पहले भी इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया और मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एलान किया था कि 14 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा. यही नहीं उन्होंने सभी मुस्लिमों से अपील की है कि घर पर रहकर ही नमाज पढ़ें और कोविड 19 को लेकर सरकार की गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की थी.
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया था कि 12 अप्रैल को मरकजी चांद कमेटी ने आसमान में रमजान का चांद देखने की कोशिश की थी लेकिन चांद नहीं दिखा था. जिसके बाद उन्होंने एलान किया था कि रमजान के पहला रोजा 14 अप्रैल को रखा जायेगा. जिसके लिए घर परिवार में अभी से तैयारियां शुरू हो गयी हैं.