Corona case in Uttarakhand. देश में कोरोना के मामलों में फिर से वृद्धि हो रही है. शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद में 20, उत्तर प्रदेश में 5, हरियाणा में 5 और बेंगलुरु में 9 महीने के एक बच्चे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस प्रकार, देश में कुल 312 सक्रिय कोरोना केस हैं, जबकि दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है. अब प्रदेश में भी कोरोना के मामले सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एम्स ऋषिकेश की डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

जानकारी के मुताबिक डॉक्टर हाल ही में बेंगलुरु से लौटी थी. हालांकि उनकी स्थिति अभी स्थिर है और उन्हें घर पर आइसोलेट किया गया है. वहीं मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा उनकी स्थिति पर नजर रख हुए है और संपर्क ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है. वहीं दूसरे मामले में गुजरात से देहरादून आई एक अन्य महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. वे एक धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने आई थी. उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद कोविड टेस्ट किया गया. जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. महिला में कई और भी संक्रमण है लिहाजा उसे एम्स में भर्ती कर लिया गया है.

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कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता

इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रोन के नए वैरिएंट JN.1 और उसके सब-वैरिएंट्स LF7 और NB1.8 को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है जो यह दर्शाए कि ये नए वैरिएंट पहले से अधिक खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं. फिर भी, उनका मानना है कि यह लहर कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों पर प्रभाव डाल सकती है.

इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ JN.1 वैरिएंट

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक उपप्रकार है, जिसे अगस्त 2023 में पहली बार पहचाना गया. दिसंबर 2023 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया. इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन्स मौजूद हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करने की क्षमता रखते हैं. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 पिछले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है, हालांकि यह गंभीरता में कम है. वर्तमान में, यह दुनिया के कई क्षेत्रों में सबसे प्रचलित वैरिएंट बना हुआ है.

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JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं. यदि आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह संभव है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी जारी रहते हैं.