रायपुर। उप महाधिवक्ता हामीदा सिद्दीकी के लखनऊ में भतीजे की शादी में शामिल होकर महाधिवक्ता आफिस जाने के बाद उस समय बैठक में शामिल सभी 14 लोगों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया। प्रशासन ने हमीदा सिद्दीकी के घर पर पोस्टर लगा दिया। महाधिवक्ता ने अपनी जांच करा ली है। उन्होंने इसकी शिकायत ज़िले के कलेक्टर और एसपी से की है, जिसके बाद बिलासपुर में दहशत है। ये भी सवाल उठ रहा है कि विदेशी मेहमानों के साथ पार्टी करने की बात नहीं बताने पर क्या उनपर कानूनी कारवाई भी होगी ?

सिद्दीकी के भाई और उसके भतीजे अम्बिकापुर में रहते हैं।सिद्दीकी के भतीजे की शादी लखनऊ और इसका रिसेप्शन अम्बिकापुर में हुई थी। जिसमे बड़ी संख्या में अम्बिकापुर के लोग शामिल थे। इसकी वजह से बिलासपुर से पहले ये दहशत काफी दिनों तक अम्बिकापुर में रही।

शादी और उसके रिसेप्शन में हमीदा सिद्दीकी के अलावा अम्बिकापुर के जो लोग शामिल हुए वे आज तक एक भी दिन क्वारंटाइन नहीं हुए। बल्कि लोगों से मिलते जुलते रहे।

शादी में की जो तस्वीर सोशल मीडिया में डाली गई है, उसमें काँग्रेस के प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा और भाजपा के हाई प्रोफाइल पार्षद आलोक दुबे शामिल दिख रहे हैं। इसके अलावा सैंकड़ों लोगों के लखनऊ में शामिल होने की बात सामने आई है।

18 मार्च को हामिदा सिद्दीकी के भाई की जो शादी लखनऊ में हुई उसमें दूल्हे की बहन अमेरिका से आकर शामिल होने की बात पहले सामने आई थी लेकिन अब इसमें दूल्हे की बहन समेत चार विदेशियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। इसके बाद 22 अगस्त को जनता कर्फ्यू के दिन सिद्दीकी परिवार ने अम्बिकापुर में रिसेप्शन दिया। जिसमें शहर के कई लोग शामिल हुए थे।

ज़ाहिर तौर लखनऊ गए बारातियों का यहां सामना पार्टी में आये मेहमानों से हुआ होगा। लिहाज़ा पार्टी में गए सभी लोगो को भी बारातियो के साथ होम आइसोलेशन में जाना था। लेकिन न कोई बाराती होम आइसोलेशन में गया न ही रिसेप्शन में शामिल कोई व्यक्ति।

प्रशासन ने मना करने के बाद भी पार्टी होने पर रिपोर्ट हुई। लेकिन आइसोलेशन में भेजने पर फौरन फैसला नहीं लिया गया।
नए कानून के मुताबिक़ विदेश में रहने की बात छिपाना गैर कानूनी है।

सरगुजा प्रशासन की भी इस मामले में घोर लापरवाही दिखती है।उसने अपनी ओर से शादी और रिसेप्शन में शामिल लोगों की जानकारी जुटाने की बजाय अयोजको से लिस्ट मांगकर खानापूर्ति कर ली। इस लिस्ट में कांग्रेस के कद्दावर नेता शफी अहमद, जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता समेत करीब 13 नाम थे। लेकिन प्रशासन ने किसी को आइसोलेट नहीं कराया। न ही कोई खुद आइसोलेट हुआ। बल्कि तमाम लोग शहर में मौजूद रहे। तनाव बढ़ने के बाद दूल्हे की बहन का सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई। मामला ठंडा हो गया।

अब इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। बड़ा सवाल है कि शादी और रिसेप्शन में विदेश से आये मेहमानों के शामिल होने की बात प्रशासन को बताई गई थी या छिपाई गई थी?

अगर प्रशासनिक अधिकारियों ने जानते हुए भी पार्टी को नहीं रुकवाया और उसके बाद आइसोलेशन को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया तो ज़िम्मेदारी किसकी है? अगर घरवालों ने प्रशासन से विदेशी मेहमान के शामिल होने की बात छिपाई तो प्रशासन ने उनपर कानून के मुताबिक करवाई क्यों नहीं की।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शादी और रिसेप्शन में मिलाकर 4 विदेश से मेहमान इसमें शामिल हुए थे। तो तीन विदेशी मेहमानों की रिपोर्ट क्या है? वे कहां हैं ?