रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष औ पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य सरकार पर जमातियों को प्रदेश में नहीं रोक पाने का आरोप लगाते हुए उसे सरकार की विफलता बताया है। रमन सिंह ने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता, प्रशासनिक विफलता और स्तरहीन राजनीति के कारण एम्स के डॉक्टरों की सारी मेहनतों पर पानी फिर गया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए सीएम भूपेश बघेल के बयान को उथला, हल्का, बेतुका और महज़ डींगें हाँकने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि बघेल न तो रत्ती भर राजनीतिक मर्यादा का पालन कर रहे और न ही परिस्थियों के अनुरूप परिपक्वता का परिचय दे रहे हैं। डा. सिंह ने कहा कि सच तो यह है कि पीएम मोदी को इस असाधारण परिस्थिति से निपटने में उनके विजन के लिए सारी दुनिया से तारीफ़ मिल रही है, वहां प्रदेश में इससे निपटने के मामले में सीएम बघेल पूरी तरह विफल साबित हुए हैं। उन्होंने प्रदेश में सात नए मरीजों का पता चलने का जिक्र करते हुए कहा कि काफी पीड़ा की बात है कि एम्स के कुशल और निष्ठावान चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की दिन-रात की मेहनत से हम छत्तीसगढ़ में इस महामारी के खिलाफ जीत के करीब पहुँच गए थे. लेकिन प्रदेश शासन जमातियों को रोक पाने में नाकाम रहे हैं जिसके चलते एक बार फिर स्थिति वही हो गई है.

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी बयान देती हैं कि लॉकडाउन जल्दबाज़ी में किया गया, राहुल गांधी कहते हैं कि काफ़ी पहले यह किया जाना चाहिये था। ऐसे में अपना मूल कार्य छोड़कर सीएम अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के विरोधाभासी बयानों में संतुलन क़ायम करने में ही जुटे रहते हैं। एक तरफ़ राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी अजीब सलाह देते हुए इस महामारी के लिए मीडिया को ज़िम्मेदार ठहराते हुए विज्ञापन रोकने की सलाह देती हैं, तो दूसरी तरफ़ प्रदेश का ख़ज़ाना एक संदिग्ध राष्ट्रीय समाचार चैनल के लिए लुटा कर बघेल अपने मूंह मियां मिट्ठु बन रहे हैं।

वहीं उन्होंने कहा कि इस संकट के समय सबसे ज्यादा अभाव पीपीई किट का दुनिया भर में है, जबकि छत्तीसगढ़ को कल ही दो हज़ार किट्स उपलब्ध कराये गए हैं। और ज़रूरत का हर साजो-सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। सीएम के मांगने पर मनरेगा का सात सौ करोड़ तुरत जारी करने की बात हो या फिर जीएसटी में राज्य के हिस्से का पैसा। इससे पहले अन्य तमाम फंड एवं सहायता देने में कभी भी केंद्र ने कोताही या भेदभाव नहीं किया। बावजूद इसके सीएम द्वारा अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए उटपटांग बयान देना निंदनीय है।

डा. सिंह ने कहा कि कोरोना के खिलाफ शुरू से ही कांग्रेस सरकार लापरवाह दिख रही है. अगर ऐसा नहीं होता तो उन्हें तब्लीगियों के प्रदेश में पहुँचने पर नज़र रखनी थी। उन्होंने याद दिलाया कि सरकार की गंभीरता का अभाव तो उस दिन दिखा था जब स्वयं स्वास्थ्य मंत्री यह शिकायत करते हुए दिखे थे कि विभागीय बैठक में ही उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मुंबई चले गए और विभागीय मंत्री के बिना ही ऐसी विषम परिस्थियों में काम चल रहा था।

डा. सिंह ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में सबको एकजुट होकर काम करना चाहिए। प्रदेश के अनगिनित सामाजिक संगठन और भाजपा के सभी नेतागण आपदा राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। यह समय ऐसे सभी योद्धाओं, चिकित्साकर्मियों, पत्रकारों, आरक्षी बलों, बैंक-डाकघरकर्मियों समेत सभी कोरोना वारियर्स का मनोबल बढाने का है, इसके उलट कांग्रेस का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व अपने ऊल-जुलूल बयानों से योद्धाओं के मनोबल को गिरा रही है। डा. सिंह ने इससे बचते हुए कांग्रेस को सलाह दी है कि वह इस असाधारण संकट के समय परिपक्वता और मानवता का परिचय दे.