रायपुर। कोरोना संकट के बीच राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लेकर बसें छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गई है. हजारों की संख्या में छात्रों को लेकर बस के साथ गई पुलिस और मेडिकल टीम भी रवाना हो गई है. बस में बैठतें वक्त विद्यार्थी बेहद भावुक थे. वे सब बेहद खुश थे कि जल्द ही वे अपने प्रदेश में होंगे. अपने घर के नजदीक होंगे. बस में बैठतें छात्रों ने सीएम भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा- छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया. यह नारा छत्तीसगढ़ रवाना से पहले खूब गूँजा.
छात्रों का बस में बैठने से पहले चिकित्सकों और अधिकारियों की टीम द्वारा स्क्रीनिंग किया गया. विद्यार्थियों ने कहा कि उनकी घर वापसी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने जो व्यवस्था की है वह सराहनीय है. सरकार ने उनकी सारी चिंताएं दूर कर दी है. छात्रों ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ पुलिस, मेडिकल टीम और बस चालकों और सहायकों का भी आभार जताया है.
सीधे नहीं जा पाएंगे घर, रहेंगे 14 दिन क्वारेंटाइन
कोटाल से लौटने के बाद छात्र-छात्राएं सीधे अपने घर नहीं जा पाएंगे. उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा. छात्रों के रुकने लिए सरकार ने राजधानी रायपुर के सड्ढू स्थिति प्रयास संस्था, गुढ़ियारी स्थित प्रयास संस्था, नरदहा स्थित एनएच गोयल स्कूल, नरदहा स्थित ज्ञानगंगा स्कूल में ठहयारा जाएगा.
आपको बता दें कि चिकित्सा टीम ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की जांच की गई और संभागवार तय की गई बसों में उन्हें बैठाया गया. मुख्यमंत्री के निर्देष पर 24 अप्रैल की शाम राजधानी रायपुर से राजस्थान के कोटा में लाॅकडाउन के दौरान फंसे छात्र-छात्राओं को लाने कुल 97 बसों को रवाना किया गया था. इसमें 95 बस छात्रों को लाने के लिए तथा 2 बसों में डाॅक्टर और चिकित्सा दल के सदस्यों के लिए है. कोटा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए बस्तर संभाग के लिए 06, सरगुजा संभाग के लिए 24, रायपुर संभाग के लिए 16, दुर्ग संभाग के लिए 14, बिलासपुर संभाग के लिए 28 बसों की व्यवस्था की गई है.