अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में भूत को भी कोरोना वैक्सीन लग रहे (Corona vaccine getting ghosted in MP) हैं। वो भी मरने के 6-8 महीने बाद। जी हां… ये हम नहीं, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बता रहे हैं। इतना ही इन भूतों के नाम वैक्सीन देने का सर्टिफिकेट तक स्वास्थ्य विभाग जारी कर रहा है। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में इत रह के कई मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही मोबाइल पर ‘यू हैव सक्सेसफुली बीन वैक्सीनेटेड’ का मैसेज तक आ रहा है। ये मामला एक किसी के साथ हो तो, गलती की बात समझ में आती है। जिले के कई लोगों के साथ ये वाक्या है चुका है। हर दिन कोई न कोई मृतक का परिवार इससे दो-चार हो रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छुपाने के लिए पोर्टल पर ही सारा दोष मढ़ रहा है।
इतना ही नही जिले में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कोविड दूसरा डोज नही लगवाया। उन लोगों को दूसरे डोज लगने का मैसेज आ गया है।इससे वे इस बात को लेकर हैरान है कि जब उन्होंने कोविड का दूसरा डोज लगवाया नहीं लगवाया तो प्रशासन के रिकॉर्ड में उनका टीकाकरण कैसे हो गय। अब वे इस बात को लकेर परेशान है कि जब उनका निर्धारित समय मे टीका लगवाना पड़ेगा तो उन्हें टीका लगेगा कैसे।
इन केस से समझिए किस तरह वैक्सीनेशन में हो रही गड़बड़ी
केस-1ः अप्रैल में हुई मौत, नवंबर में दूसरा डोज लगने का आया मैसेज
शहडोल जिला मुख्यालय के सौखी मोहल्ला निवासी वृद्ध प्रेम लाल चौरसिया को मार्च में पहला डोज लगा था। 15 अप्रैल 2021 में कोविड संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई थी। 10 नवंबर को दूसरा डोज पूरा होने का परिजनों के पास मैसेज आया है।
केस-2ः दूसरा डोज लगाया नहीं फिर भी जारी हो गया सर्टिफिकेट
जिला मुख्यालय के धनपुरी वार्ड- 15 निवासी मेडिकल स्टोर संचालक आशीष गुप्ता की पत्नी नीरजा गुप्ता को कोविड वैक्सीन लगी नही और दूसरा डोज कम्प्लीट होने का मैसेज आ गया।
कैसे-3ः ग्राम चुनिया में कई लोगों ने नहीं लिया वैक्सीन, फिर भी आया मैसेज
इसी तरह ग्राम चुनिया निवासी सुशील वर्मा, रूपेश पटेल, कृष्णा सैनी , प्रदुमन यादव, कोयलारी फाटक कल्याणपुर निवासी सुशील ड्राइवर सोहागपुर आईटीआई के समीप रहने वाले अरुण कोरी , गांधी चौराहे के समीप रहने वाले ऋषभ गुप्ता सहित घरौला मोहल्ला निवासी महिला सहित अन्य ऐसे कई लोग है, जिन्हें भी कोविड वैक्सीन लगाने का मैसेज आ गया है।
पोर्टल में गड़बड़ी के चलते हो रही गड़बड़ी
मामले में शहडोल सीएमएचओ मेघ सिंह सागर ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसमें पोर्टल में गड़बड़ी के चलते हो सकता है। मोबाइल नंबर गलती से फीड हो गया होगा। इसको दिखवाते हैं।
कोविड वैक्सीन की फ़स्ट डोज में शहडोल पहला स्थान प्रप्त किया था
कहने को तो शहडोल जिला कोविड वैक्सीन की फ़स्ट डोज के मामले में प्रदेश में पहला स्थान प्रप्त किया था। इसके लिए प्रदेश के मुखिया जिले में आकर बधाई दी थी। वहीं दूसरे डोज को लेकर अभी 50 प्रतिशत लोगों ने दूसरा डोज लगवाया है। बता दें कि
पिछले सप्ताह 59 हजार 6 सौ का टारगेट स्वास्थ्य विभाग को दिया गया था। वहीं इस सप्ताह 75 हजार वैक्सीनेशन का टारगेट अधिकारियों को मिला है। इसमें ड्यू लिस्ट में शामिल लोग हैं, जो अब तक सेकंड डोज पूरा नहीं कराए हैं। महाअभियान के दौरान 11 नवंबर को शहर में वैक्सीनेशन के आंकड़े अधिकारियों ने 4 हजार 413 दर्ज किए हैं। जबकि शहर के अलावा अन्य ब्लॉकों में वैक्सीनेशन का ग्राफ इतना नहीं पहुंच सका था। 11 और 12 नवंबर को ही अधिकारियों ने गड़बड़ी करते हुए बिना दोनों डोज पूरे हुए वैक्सीनेशन के दोनों डोज कम्प्लीट बता दिए हैं। 11 और 12 नवंबर को अधिकांश लोगों के पास मैसेज पहुंचे हैं।
डाटा भी सवालों के घेरे में
कोरोना महामारी के बीच वैक्सीनेशन रिपोर्ट में गड़बड़ी से परेशान हैं। यह सिस्टम की विफलता या फिर स्टाफ की गलती जांच का विषय है? जिले में धड़ाधड़ लगाए गए वैक्सीनेशन कैंपों की जिम्मेदारी ठीक हाथों में नहीं दी गई, जिस कारण सैकड़ों लोगों को वैक्सीन लगी नहीं, लेकिन उनके मोबाइल पर मैसेज आ गया, ‘यू हैव सक्सेसफुली बीन वैक्सीनेटेड’, इससे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की सच्चाई पर ही सवाल खड़ा हो गया है और सरकार द्वारा जारी डाटा भी सवालों के घेरे में हो गया है।
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