रायपुर- राज्य में कोरोना के छह पाॅजिटिव केस सामने आने के बाद अब बीजेपी विधायकों ने भी एक महीने की सैलरी देने का निर्णय लिया है. बीजेपी विधायकों ने कहा है कि कोरोना को लेकर सरकार की लड़ाई में हर कदम पर हम साथ है. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सरकार के अभियान में हम हर तरीके की मदद के लिए तत्पर हैं. इधर सरकार पर निशाना साधते हुए कई गंभीर सवाल भी उठाए हैं. 

पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा है कि ये दुर्भाग्य है कि ऐसे हालात में स्वास्थ्य मंत्री राज्य में उपलब्ध नहीं है. कोरोना को लेकर वास्तविक तथ्यों से मीडिया तक को अवगत नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद घातक है कि स्टेज 1 और 2 के बाद अब स्टेज 3 में कम्युनिटी ट्रांसमिशन से पाॅजिटिव मामले बढ़े. इसे तत्काल रोके जाने की जरूरत है. पाॅजिटिव लोगों का आइडेंटिफिकेशन तेजी से हो, इस पर पूरी ताकत लगा देने की जरूरत है. यह काम अकेले सरकार का नहीं है, हर किसी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. यह केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं से ही ठीक नहीं होगा. 
 
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि- स्वास्थ्य मंत्री मुंबई में हैं, तो ऐसे हालात में उन्हें स्टेट प्लेन भेजकर बुलाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने आज केंद्र बहुत सारे राहत पैकेज दे रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में जनता कर्प्यू के अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कौन-कौन से आर्थिक पैकेज घोषित किये हैं. इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य अमले को अतिरिक्त संसाधन कितने दिए जा रहे हैं?  छत्तीसगढ़ इससे अनभिज्ञ है. कोरोना को लेकर सरकार के भीतर इच्छा शक्ति नजर नहीं आ रही है. लोगों के घरों तक सामान नहीं पहुंच पा रहा. अस्पताल तैयार नहीं है. सरकार को इन मसलों पर निर्णय लेना चाहिए. हम सबने तय किया है कि एक महीने का वेतन कोरोना लड़ाई से लड़ने के लिए लगाएंगे. इधर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सरकार के पास कोरोना को लेकर कोई विजन नहीं है. छत्तीसगढ़ यदि सुरक्षित है, तो जनता की वजह से. सिर्फ ओएसडी नियुक्त करने से कोरोना खत्म नहीं हो जाएगा.