रायपुर- कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिहाज से छत्तीसगढ़ का प्रबंधन देश में सुर्खिया बटोर रहा है. केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों की सरकार अध्ययन में जुटी है कि आखिर कैसे स्वास्थ्यगत ढांचा कमजोर होने के बावजूद छत्तीसगढ़ ने कोरोना से निपटने कारगर रणनीति अपनाई. इस बीच कई राज्यों से खबर आ रही है कि टेस्टिंग किट की खरीदी किए जाने के बाद अब वहां की राज्य सरकारें इस बात का पुर्नमूल्याकंन कर रही है कि आखिर छत्तीसगढ़ ने कैसे अपनी शर्तों पर दर तय कर न्यूनतम दर पर किट की खऱीदी कर ली. राज्य के स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक जब कम दर पर खरीदी का टेंडर जारी किया गया, तो यह मुद्दा देश के लगभग सभी राज्यों में चर्चा का विषय बन गया. राजस्थान, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से आई खबर बताती है कि वहां नेताओं ने विरोध दर्ज करते हुए कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में छत्तीसगढ़ का माॅडल क्यूं न अपनाया जाए? क्यूं जनता के करोडो़ं रूपए बर्बाद किये जाएं?
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने रैपिट टेस्टिंग किट 337 रूपए प्लस जीएसटी की दर पर खरीदी का आदेश जारी किया है, जबकि दूसरे राज्यों में यह खरीदी 700- 800 रूपए की दर पर की गई है. राज्य सरकार ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर की मान्यता प्राप्त कंपनी से ही यह खरीदी की है. रैपिट टेस्टिंग किट की सप्लाई के बाद छत्तीसगढ़ में कोरोना की जांच में और तेजी आ जाएगी. इस कीट से मरीजों की जल्दी पहचान होगी और वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा.
हालांकि राज्य में स्वास्थ्य महकमे की ओर से जारी किए गए पहले टेंडर में भी किट की दर 594 रूपए प्रति किट आई थी, लेकिन दोबारा नए सिरे से पूरी प्रक्रिया की गई. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन( सीजीएमएसी) ने शार्ट टर्म निविदा जारी की थी. एल 1 का रेट अधिक था, लेकिन एल 2 जो कि खुद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ही थी, उसका दर 337 रूपए प्लस जीएसटी होने के बाद सप्लाई का काम उसे जारी कर दिया गया.
देश में टेस्टिंग किट बना रही कोरिया की कंपनी को यह टेंडर जारी किया गया है. यह रोचक पहलू ही है कि कोरोना वायरस से खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रभावी रणनीति से असर कम करने वाले कोरिया के माॅडल को समझने हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने भारत में कोरिया के राजदूत और वहां पदस्थ भारत की राजदूत से संपर्क कर विस्तार से चर्चा की थी. साथ ही कोरोना के खिलाफ राज्य में चल रही लड़ाई में सहयोग मांगा था.
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है कि, राज्य सरकार ने पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत की. आपात स्थिति में पर्चेस के नियमों में बदलाव की छूट है, लिहाजा पर्चेसिंग कमेटी ने रैपिट टेस्टिंग किट के लिए जारी टेंडर में देशभर से आए रेट्स को कंपेयर किया था, इसके बाद ही आईसीएमआर के मान्यता प्राप्त फर्म को सप्लाई का काम दे दिया गया.
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